सूत्रों के मुताबिक़ AICC के एक बड़े पदाधिकारी 10 जनपथ में हरक सिंह की मुलाक़ात करवा कर उनकी कांग्रेस में वापसी की राह तैयार करने की जुगत में थे ।
लेकिन मैडम सोनिया गांधी ने मिलने से ही साफ़ इंकार कर दिया. बताया जा रहा है कि 2016 में सदन के अंदर सरकार गिराने की घटना की घटना को लेकर फ़िलहाल आलाकमान का रुख़ काफ़ी सख्त है.
हरीश रावत ने भाई भी बोला लेकिन फिर भी नाराजगी दूर नहीं हुई
वहीं ये भी कहा जा रहा है कि हरक सिंह रावत की एंट्री को लेकर सोनिया गांधी भी खुश नहीं हैं
इसलिए अब लग रहा है कि हरक सिंह रावत की लगातार पैरवी करने वाले नेता भी अभी चुप हैं
वही हरीश रावत ने कहा है कि हरक ने पाप किया है उनकी पार्टी पर एंट्री पर आलाकमान फैसला लेगा साथ ही राज्य इकाई के नेता भी इसपर फैसला लेंगे।