नैनीताल। उच्च न्यायालय ने विधानसभा के सौ से अधिक कर्मचारियों की बर्खास्तगी के आदेश पर रोक लगा दी है। पिछले दिनों विधानसभा में हुई बैकडोर से भर्तियों पर लगभग 228 के करीब लोगों को सेवा समाप्ति कर दी थी, जिसको भूपेंद्र सिंह बिष्ट समेत अन्य ने हाई कोर्ट में चुनौती दी है। याचिका में कहा गया है कि साल 2002 से लगातार विधानसभा के
पदों पर तदर्थ नियुक्तियां हुई हैं और 2014 तक की नियुक्तियों को नियमित भी कर दिया गया जबकि उनकी सेवाओं को समाप्त कर दिया। याचिका में कहा गया है कि हम भी नियमित पदों के सापेक्ष काम कर रहे हैं। याचिका में कहा गया है कि विधानसभा नियमावली में है कि 6 महीने सेवा के बाद नियमितीकरण का प्रावधान है
लेकिन हमारे लिए इसकी भी अनदेखी की गई है, बिना कोई कारण बताए बिना सुनवाई के 228 लोगों की सेवा समाप्त कर दी।
न्यायाधीश न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की एकलपीठ ने विधानसभा में बैकडोर नियुक्तियों के मामले में सरकार के 27 से 29 सितंबर के आदेश पर रोक लगा दी है साथ ही कोर्ट ने सरकार समेत अन्य पक्षकारों से जवाब मांगा है।