BSNL मोबाइल टॉवर ने बढ़ाई कालीमठ घाटी में हज़ारों लोगों की दिक्कत।
ऊखीमठ! कालीमठ घाटी के जाल मल्ला गाँव के ऊपरी हिस्से में लगा बी एस एन एल का मोबाइल टावर देखरेख के अभाव में जी का जंजाल बना हुआ है!
विभाग द्वारा मोबाइल टावर के संचालन के लिए एक व्यक्ति की नियुक्ति तो कर दी गयी है मगर मोबाइल टावर के नियमित देखरेख के लिए संसाधन उपलब्ध न होने से मोबाइल टावर शोपीस बना हुआ है जिससे कालीमठ घाटी के दर्जनों ग्रामीणों को मोबाइल सेवा से वंचित रहना पड़ रहा है!
उपभोक्ताओं द्वारा विभागीय अधिकारियों को बार – बार अवगत कराने के बाद भी विभागीय अधिकारी मोबाइल टावर की सुध लेने को राजी नहीं है! जानकारी देते है क्षेत्र पंचायत सदस्य बलवीर रावत ने बताया कि जाल मल्ला गाँव के ऊपरी हिस्से में लगा मोबाइल टावर के अधिकांश समय बन्द रहने से ग्रामीण निजी कम्पनियों का दामन थामने के लिए बिवश बने हुए है!
उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा मोबाइल टावर के संचालन के लिए एक व्यक्ति की नियुक्ति तो कर दी गयी है मगर मोबाइल टावर के संचालन के लिए नियमित संसाधन न मिलने से मोबाइल टावर की सेवा अधिकाश समय बन्द रहती है!
प्रधान त्रिलोक रावत ने बताया कि संचार निगम के अधिकारियों की लापरवाही के कारण मोबाइल टावर शोपीस बना हुआ है जिससे उपभोक्ताओं को अधिकाश समय मोबाइल सेवा से वंचित रहना पड़ रहा है!
पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य कृपाल सिंह राणा ने बताया कि चिलौण्ड गाँव आज भी यातायात, स्वास्थ्य जैसी मूलभूत सुविधाओं से वंचित है तथा बी एस एन एल द्वारा जाल मल्ला गाँव के ऊपरी हिस्से में मोबाइल टावर लगाने से ग्रामीणों की संचार सुविधा से जुडने की आश जगी थी मगर मोबाइल टावर की सेवा अधिकाश समय बन्द रहने से ग्रामीणों के अरमान धरे के धरे रह गये है!
प्रधान कविल्ठा अरविंद राणा ने बताया कि बी एस एन एल की मोबाइल सेवा के अधिकाश समय ठप रहने से उपभोक्ता निजी कम्पनियों का दामन थामने को विवश बने हुए है! उनका कहना है कि विभागीय अधिकारियों को बार – बार अवगत कराने के बाद भी बी एस एन एल की मोबाइल सेवा सुचारू नहीं हो पा रही है!
प्रधान कुणजेठी दिलवर सिंह रावत ने बताया कि विभागीय अधिकारियों की लापरवाही का खामियाजा स्थानीय जनता को भुगतान पड़ रहा है!
जिला पंचायत सदस्य विनोद राणा , क्षेत्र पंचायत सदस्य सोमेश्वरी भटट् का कहना है कि यदि समय रहते बी एस एन एल की मोबाइल सेवा सुचारू नहीं हुई तो कालीमठ घाटी के जनप्रतिनिधियों को विभागीय अधिकारियों का घेराव करने के लिए विवश होना पड़ेगा!
वही दूसरी ओर विभागीय अधिकारियों से सम्पर्क करना चाहा मगर सम्पर्क नहीं हो पाया!