देहरादून- नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के समर्थन में बिना अनुमति रैली निकालना उत्तराखंड विश्वकर्मा शिल्पकार मंच को भारी पड़ गया। रैली की जानकारी होने पर एसएसपी ने कोतवाली पुलिस को मौके पर भेज कर जानकारी ली तो पता चला कि संगठन ने अनुमति के लिए आवेदन ही नहीं दिया था। इस पर संगठन के 14 पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं के विरुद्ध नगर कोतवाली में मुकदमा दर्ज कर लिया गया। सीएए से जुड़े किसी भी तरह के मामले में देहरादून में यह पहला मुकदमा बताया जा रहा है।
उत्तराखंड विश्वकर्मा शिल्पकार मंच की संस्थापक रीना गोयल के साथ करीब सवा सौ महिलाओं और पुरुषों ने सीएए के समर्थन में रैली निकाली। यह लोग नारे लगाते हुए जिलाधिकारी कार्यालय की ओर जा रहे थे। इससे यातायात बाधित होने लगा। इसकी जानकारी जब एसएसपी अरुण मोहन जोशी तक पहुंची तो उन्होंने नगर कोतवाली पुलिस को मौके पर भेज कर रैली के बारे में जानकारी जुटाकर जानकारी देने को कहा। पुलिस मौके पर पहुंची तो पता चला कि वह सभी सीएए के समर्थन में रैली निकाल रहे हैं, लेकिन उन्होंने किसी तरह की अनुमति नहीं ली है। मामले में संस्थापक रीना गोयल, अमन सिंह चौहान, पूनम वर्मा समेत 14 लोगों के खिलाफ बिना अनुमति रैली निकालने के आरोप में में मुकदमा दर्ज कर लिया।
दरअसल एसएसपी अरुण मोहन जोशी ने सीएए को लेकर कुछ दिन पूर्व ही आदेश जारी किया गया था कि किसी को भी समर्थन या विरोध में रैली निकालनी है या कार्यक्रम करने हैं तो उन्हें कम से कम सात दिन पूर्व अनुमति के लिए प्रार्थना पत्र देना होगा। इसके साथ ही चेतावनी जारी की गई थी कि माहौल को देखते हुए किसी भी सूरत अचानक रैली निकालने या कार्यक्रम करने पर संबंधित के खिलाफ विधिक कार्रवाई की जाएगी।