नई दिल्ली

CHHATTISGARH ENCOUNTER : लापता कोबरा कमांडो राकेश्वर सिंह मनहास को छोड़ने को नक्सलियों ने रखी ये शर्ते,

रायपुर। छत्तीसगढ़ के बीजापुर में बीते शनिवार को हुए जवानों और नक्‍सलियों के बीच मुठभेड़ में 23 जवान शहीद हो गए। 30 से ज्‍यादा जवान घायल हुए हैं। वहीं एक सीआरपीएफ का एक कोबरा कमांडो लापता है। उसका नाम राकेश्वर सिंह मनहास है। मंगलवार को नक्सलियों ने बयान जारी किया। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) की तरफ से प्रेस नोट जारी कर हमले की जिम्मेदारी ली गई है। नक्‍सलियों की तरफ से आए इस बयान में इस बात की पुष्टि की गई कि लापता जवान उनके कब्‍जे में है। बयान में यह भी कहा गया कि सरकार मध्‍यस्‍थों का ऐलान करें तो वो जवान को उन्‍हें सौंप देंगे। तब तक वह जनताना सरकार की सुरक्षा में रहेगा।

उन चारों का नाम ओड़ी सन्नी, पदाम लखमा, कोवासी बदरू और नूपा सुरेश बताया गया है। दो पन्‍नों के बयान में माओवादियों ने कहा है कि वो अपनी महिला साथी सन्‍नी के शव को नहीं ले जा सके। बयान में कहा गया है कि मुठभेड़ के दौरान नक्सलियों ने 14 हथियार, दो हजार से अधिक कारतूस और कुछ अन्य सामान भी लूटे हैं। बयान के साथ उन्होंने कथित रूप से लूटे गए हथियारों की फोटो भी जारी की है। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि उन्हें नक्सलियों द्वारा बयान जारी करने की जानकारी मिली है और बयान की सच्चाई की जांच की जा रही है।

वहीं बस्तर क्षेत्र में आदिवासियों के लिए काम करने वाली समाजिक कार्यकर्ता सोनी सोरी ने नक्सलियों से अपील की है कि वह जवान राकेश्वर सिंह को रिहा कर दें। सोरी ने कहा है कि अगर नक्‍सली जवान राकेश्‍वर सिंह की रिहाई में देरी करते हैं तो वो बुधवार को मुठभेड़ स्‍थल की ओर जाएगी और माओवादियों से बात करने की कोशिश करेंगी। गौरतलब है कि इस हमले को लेकर दावा किया जा रहा था कि सुरक्षाबलों से चूक के चलते यह घटना हुई। लेकिन सीआरपीएफ के डीजी कुलदीप सिंह ने नक्सली ऑपरेशन में सुरक्षाबलों की चूक की बात को नकारा दिया है।

बयान में माओवादियों ने स्‍वीकार किया है कि इस मुठभेड़ में उनके चार साथी भी मारे गए हैं।

उनकी 5 साल की बेटी ने भी मार्मिक अपील करते हुए कहा है कि मेरे पापा जल्‍दी आ जाएं।

राकेश्वर सिंह का परिवार उनकी वापसी का इंतजार कर रहा है। राकेश्वर सिंह के चचेरे भाई गोविंद सिंह का कहना है कि हमने सीआरपीएफ कंटोल रूम में बात किया तो बताया गया कि उनके बारे में भी कोई खबर नहीं है। राकेश्वर सिंह की तलाश की जा रही है और जैसे ही कोई सूचना मिलता है फौरन बताया जाएगा। वहीं दूसरी तरफ सीआरपीएफ सूत्रों ने ये जानकारी दी है कि राकेश्वर सिंह नक्‍सलियों के कब्‍जे में हैं। नक्‍‍सलियों ने उन्‍हें बंधक बना रखा है।

पत्‍नी की PM से अपील, अभिनंदन की तरह मेरे पति को भी वापस ले आईए

राकेश्वर सिंह मनहास के नक्‍सलियों के कब्‍जे में होने के दावे के बाद उनकी पत्‍नी मीनू मनहास का बयान सामने आया है। मीनू ने पीएम मोदी से अपील करते हुए कहा कि ‘मेरे पति को वापस ले आइए। मीनू ने कहा है कि अगर वह सुरक्षित हैं तो उन्हें वापस ला दो जैसे अभिनंद को पाकिस्तान से वापस लाया था वैसे ही मेरे पति को वापस ला दो।’ आपको बता दें कि राकेश्वर सिंह के परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है। उनकी 5 साल की बेटी ने भी मार्मिक अपील करते हुए कहा है कि मेरे पापा जल्‍दी आ जाएं।

शुक्रवार को आखिरी बार हुई थी बात

मीनू मनहास ने बताया कि मेरी उनसे आखिरी बार बात शुक्रवार को हुई थी। उस वक्‍त रात के करीब 9 से 10 बीच का समय था। बातचीत में उन्‍होंने कहा था कि मैं ऑपरेशन ड्यूटी पर जा रहा हूं कल आकर बात करुंगा। पत्‍नी ने रोते रोते कहा कि अब वो कहां हैं और किस हाल में हमें कोई जानकारी नहीं मिल पा रही है। कंट्रोल रूम वाले कहते हैं कि जो भी जानकारी आएगी आपको दी जाएगी। आपको बता दें कि राकेश्वर सिंह जम्‍मू-कश्‍मीर के रहने वाले हैं।

सीआरपीएफ ने कहा- नक्‍सलियों के कब्‍जे में होने की बात को नकारा नहीं जा सकता

सीआरपीएफ के वरिष्‍ठ अधिकारी ने बताया कि इस दावे को लेकर हमारे पास कोई ठोस सबूत नहीं है लेकिन फिर इस संभावना को नकारा नहीं जा सकता है। सीआरपीएफ के अधिकारी ने बताया कि सुरक्षाबलों की कई इकाइयां अभी भी जंगलों में राकेश्वर सिंह की तलाश कर रही है। इसके अलावा सुरक्षाबलों की नजर नक्‍सलियों की गतिविधियों पर भी है। वहीं सीआरपीएफ के कुछ सूत्रों का ये भी कहना है कि राकेश्वर सिंह शहीद हो गए हैं।

नक्सली कमांडर हिड़मा ने फोन पर दी है राकेश्वर सिंह की जानकारी!

सूत्रों के हवाले से ये भी खबर आ रही है किI नक्‍सली कमांडर हिड़मा ने सुकमा के पुलिस अधिक्षक को फोन कर ये बताया है कि राकेश्वर सिंह उसके कब्‍जे में है। हिड़मा ने ये भी बातया है कि वो सुरक्षित हैं। हालांकि इस खबर ने सुरक्षाबलों के माथे पर चिंता की लकीर ला दी है लेकिन राकेश्वर सिंह के परिजनों को थोड़ी राहत जरूर मिली है। वहीं कुछ खुफिया तंत्रों का कहना है कि हिड़मा ने छत्तीसगढ़ के एक पत्रकार को फोन कर राकेश्वर सिंह के बारे में जानकारी दी है।

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