प्रदेश में मौसम विभाग की भारी बारिश की चेतावनी, गंगोत्री- यमुनोत्री और बदरीनाथ हाईवे समेत 275 सड़कें बंद,
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को सचिवालय स्थित आपदा प्रबंधन कंट्रोल रूम से प्रदेश में हो रही अतिवृष्टि की जानकारी ली। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों से फोन पर वार्ता कर निर्देश दिए कि हर चुनौती का सामना करने के लिए प्रशासन को अलर्ट मोड पर रखा जाय। मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि किसी भी आपदा की स्थिति में लोगों को शीघ्र राहत मिले, इसके लिए पूरी तैयारी रखी जाए। जनपदों में खाद्य सामग्री, आवश्यक दवाइयों एवं अन्य आवश्यक सामग्री की पूरी व्यवस्था रखी जाए। मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वर्षा के कारण सड़क, विद्युत, पेयजल व्यवस्थाएं बाधित होने की दशा में, सभी व्यवस्थाएं संबंधित विभागों से तत्काल सुचारू की जाय।
मुख्यमंत्री ने सचिव आपदा प्रबंधन को निर्देश दिए कि लक्सर, खानपुर एवं प्रदेश के अन्य ऐसे स्थानों जहां पर कम बरसात के बावजूद भी जलभराव की समस्याएं आ रही हैं, ऐसे स्थानों के लिए ड्रेनेज की उचित व्यवस्था हो, इसके लिए दीर्घकालिक प्लान बनाया जाय। सभी जिलाधिकारियों से लगातार संपर्क बनाए रखने के निर्देश मुख्यमंत्री ने दिए हैं, ताकि जनपदों में कुछ भी आवश्यकता पड़ने पर शीघ्र उपलब्ध कराई जा सके। मुख्यमंत्री ने सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ द्वारा तैनात की गई फोर्स के बारे में भी जानकारी ली।
उत्तराखंड के पूरे कुमाऊं मंडल में आज मंगलवार को भी भारी बारिश होने के आसार हैं। मौसम विभाग ने पिथौरागढ़, बागेश्वर, अल्मोड़ा, चम्पावत, नैनीताल और ऊधमसिंह नगर के कई इलाकों में बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है, जबकि अन्य जिलों में बारिश का यलो अलर्ट है।
हालांकि पूरे प्रदेश में बारिश का यलो अलर्ट है।
मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह ने बताया, 18 जुलाई को प्रदेशभर के ज्यादातर हिस्सों में भारी बारिश होने की आशंका है। कुछ इलाकों में बिजली चमकने के साथ कई दौर की बौछार वाली बारिश होने के आसार हैं। 19 जुलाई को बारिश से कुछ राहत मिल सकती है। वहीं, सीएम धामी ने कहा कि आपदा की स्थिति पर पूरी तरह से नजर बनी हुई है। सभी जिलों के लोगों से भी बात हुई है। सभी अलर्ट मोड में हैं।
गंगोत्री-यमुनोत्री हाईवे बंद, बदरीनाथ हाईवे खुला
वहीं, सुबह बारिश के कारण यमुनोत्री हाईवे झरझर गार्ड के पास मलबा आने से बंद हो गया। साथ ही गंगोत्री हाईवे मनेरी डैम के पास मलबा आने से बंद है। उधर, भटवाड़ी विकासखंड के जखोल गांव में बरसाती नाला उफान पर आने और भूसखलन से खेती को नुकसान हुआ है। वहीं, एक टैंपो पलटकर गहरी खाई में जा गिरा। उधर, बदरीनाथ हाईवे नंदप्रयाग और छिनका में पहाड़ी से भारी मात्रा में मलबा आने से बाधित हो गया था। हाईवे के दोनों और तीर्थयात्रियों के साथ ही स्थानीय लोगों के वाहनों की लंबी लाइन लगी हुई थी। सुबह 11 बजे खोल दिया गया।
275 सड़कें अब भी बंद
प्रदेश में भारी बारिश के बाद बंद हुई सड़कों को खोलने के लिए सोमवार को 232 जेसीबी मशीनों को लगाया गया, लेकिन पूरे दिन की मेहनत के बाद 100 सड़कों को खोलने में ही कामयाबी मिल पाई। अभी भी 275 सड़कें बंद हैं।
लोनिवि की ओर से मिली जानकारी के अनुसार, प्रदेश में 263 सड़कें एक दिन पहले से बंद थीं। सोमवार को 112 सड़कें और बंद हुईं। कुल 375 बंद सड़कों में से सोमवार शाम तक सौ सड़कों को ही खोला जा सका था। लोनिवि के प्रमुख अभियंता दीपक यादव ने बताया कि प्रदेश में नौ स्टेट हाईवे, छह मुख्य जिला मार्ग, चार जिला मार्ग, 128 ग्रामीण सड़कें और 128 पीएमजीएसवाई की सड़कें बंद हैं। उन्होंने बताया कि प्राथमिकता के आधार पर सड़कों को खोलने की कार्रवाई की जा रही है।
आपदा में राहत बचाव कार्य के लिए गढ़वाल व कुमाऊं में हेलिकॉप्टर तैनात
प्रदेश सरकार ने मानसून सीजन में आपदा के दौरान राहत व बचाव कार्यों के लिए गढ़वाल और कुमाऊं में हेलिकॉप्टर तैनात कर दिए गए हैं। बीते दिनों कुमाऊं क्षेत्र के बुंदी गांव से गंभीर रूप से बीमार व्यक्ति को हेलिकॉप्टर से पिथौरागढ़ पहुंचाया गया। जबकि हरिद्वार के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में हेलिकॉप्टर से राहत सामग्री व दवाइयां पहुंचाई गई।
बरसात के मौसम में होने वाली प्राकृतिक आपदाओं को देखते हुए सरकार ने गढ़वाल और कुमाऊं मंडल में राहत व बचाव कार्यों के लिए हेलिकॉप्टर तैनात कर दिए हैं। इन हेलिकॉप्टरों का इस्तेमाल आपदा के समय घायलों और फंसे लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने, प्रभावित क्षेत्रों में राहत सामग्री ले जाने के लिए किया जाएगा।
उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण के संचालन प्रभारी समीर सिंह ने बताया कि 13 व 14 जुलाई को प्रदेश में हुई भारी बारिश में हेलिकॉप्टरों का इस्तेमाल किया है। कुमाऊं क्षेत्र में बुंदी गांव से एक बीमार व्यक्ति को हायर सेंटर पहुंचाया गया। जबकि हरिद्वार के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में हेलिकॉप्टर से राहत सामग्री व दवाइयों के पैकेट वितरित किए गए।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, सचिव आपदा प्रबंधन डॉ. रंजीत सिन्हा, अपर सचिव श्री सविन बंसल, एसीईओ आपदा प्रबंधन रिद्धिम अग्रवाल एवं संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।