गतांक से आगे- तीसरी क़िस्त
रात को फोन आया।मैंने पूछा कौन बोल रहा है?अबे कौन के बच्चे नबंर सेफ नहीं किया मेरा?कौन साहब बोल रहे हैं कुछ पता तो चले।अबे अकल के टट्टू मैं बोल रहा हूं दिन में तो कार्ड दिया था।नंबर सेफ नहीं किया , कोई बात नहीं पर कम से कम आवाज तो पहचान ऊत के घस्से।मैं बोल रहा हूं मैं।अब्बे,सारी,सारी सारी यार।नींद के झोंके में था।अच्छा तू घर पंहुच गया।हां।इत्ती जल्दी !अबे जितना टाइम लगा श्रीनगर से ऋषिकेश आने में लगा बाकी तो,ऋषिकेश से पन्द्रह मिनट में जोली ग्राण्ट।फिर वंहा से बाई एअर पलक झपकते दिल्ली।फिर एअरपोर्ट से ओला लेकर फ्लैट में।नहाया धोया खाना खाया फिर सोचा अब तुझसे बात करूं।जबसे दिन में तुझसे मिलकर बतयाया हूं यार दिमाग में हास्टल ही हास्टल घूम रहा है।एक पिक्चर सी लगातार चल रही है फ्लैशबैक में।नोस्टेलजिया का हैंगोवर सर चढ़ के बोल रहा है।बता यार और दोस्तों के बारे में।सब के बारे में बता।कौन कौन कहां कहां हैं?तू तो यार सेंटर प्लेस में है।हम तो प्राइवेट नौकरी वाले ठहरे।बेशक सेलरी ,फैसेलिटी सब फर्स्ट क्लास है लेकिन शिकंजी नीबूं की तरह निचोड़ लेते हैं साले।आज बंगलौर,कल चेन्नाई,परसों कोलकोता,कभी सिंगापुर,कभी कुलाम्पुर ,कभी बैंकाक दौड़ाते रहते हैं,दो घड़ी को भी चैन नहीं है।थ्थू साले, ऐसी शान शौकत व धन दौलत का क्या करना। तुम ठीक हो यार पहाड़ों में।असली जिंदगी जी रहे हो।हम यंहा मशीन बने बैठे हैं मशीन,पैसा कमाने की मशीन,काम करने की मशीन।तो , छोड़कर आ जा,यंहा आकर अपना कोई काम स्टार्ट कर।टैलेण्ट तो तेरे अंदर है ही।यहां भी तू ठीकठाक कमा लेगा।
क्यों पड़ा है अंधाधुंध बटोरने में।कम खा गम खा।अब तो मकड़जाल में फंस गए यार।निकलना बहुत मुश्किल है।छोड़ यार मूड खराब मत कर।दोस्तों के बारे में बात कर,कालेज जमाने की बात कर, लड़कियों की बात कर,गुलछर्रे उड़ाने की बात कर,उन मौज मस्ती व फक्कड़ी के दिनों की बात कर।अच्छा यार, ये बता वो कहां होगी वो रईस बाप की खुबसूरत हिरोइन।वो,जिसे देखकर तू गुनगुनाता था-चांदी की दीवार ना तोड़ी,प्यार भरा दिल तोड़ दिया।अबे धीरे बोल,बगल के कमरे में बच्चे जगे हैं पढ़ाई कर रहे हैं,वहीं उनकी मम्मी लैपटाप में बैठी अपना आफिस का काम कर रही है,सुन लिया तो फिर बस्स ,दूसरे किस्म का हैंगोवर चढ़ेगा सिर में।अबे वो तो बिचारी कब की स्वर्ग सिधार गयी।क्या ?अब्बे यार कब कैसे क्या हुआ उसे ?बगल के कमरे से श्रीमती की आवाज आयी किसे क्या हुआ?अरे कुछ नहीं स्टूडेण्ट लाइफ के लंगोटिया यार से बात कर रहा हूं,हमारा बचपन का एक साथी गुजर गया मैंने बड़ी सफाई से दोस्त का जेण्डर बदलते हुए अपना बचाव किया।फिर एतिहात बरतते हुए पूछा,यार वो तो बहुत पैसे वाले थे।बढ़िया इलाज नहीं करवा पाए।यार,कैंसर का अभी मुकम्मल इलाज कंहा ढूंढ पाए हैं हमारे वैज्ञानिक।ओ हो यार ये तो बड़ी बुरी खबर सुनायी तुमने।सच में मन भारी सा हो गया।अबे अब तो उसके घरवाले भी उस सदमें से उबर गए।समय अच्छे अच्छे घाव भर देता है।साथ ही एक सीख भी मिली कि पैसा ही सब कुछ नहीं होता।अबे तूने उसके बारे में भी सुना वो गज़ल गायिका नूर बानो ऊर्फ ,,,,,,।अब इसे भी कुछ हुआ क्या ? वो तो बड़ी थिएटर आर्टिस्ट बनी,फिर कई टी वी सीरिअल में भी आयी।आजकल न्यू जर्सी किसी अमेरिकन फिल्म डिवीजन में काम कर रही है।सुना है कि कुछ समय बालीवुऊड में भी काम किया।चलो हमने जिस जिस को नखरेबाज बनाया वो जिंदगी की दौड़ में कहीं तो अब्बल आया।अबे उसके बारे में बताता हूं वो नहीं थी लम्बी सी।अच्छा उसके बारे में तो अखबार में भी छपा था वो नेशनल के बाद एशियाड खेलों के लिए चुनी गयी।
नीरज नैथानी
जीवन परिचय
नाम- नीरज नैथानी
जन्म तिथि-१५जून१९६१
शैक्षणिक योग्यता-बी०एस सी०,बी०एड०,एम०ए०(अंग्रेजी,समाज शास्त्र एवं इतिहास), पर्यटन पी०जी०डिप्लोमालेखन- कविता,कहानी, लघुकथा, यात्रा संस्मरण, व्यंग्य,नाटक,आलेख, निबंध आदिप्रकाशन-
पांच पुस्तकें प्रकाशित
डोंगी(लघु कथा संग्रह), हिमालय पर पर(पथारोहण संस्मरण),लंदन से लैस्टर(यात्रा संस्मरण),हिम प्रभा(काव्य संग्रह), विविधा (व्यंग्य संग्रह)
प्रकाशनाधीन
थाई लैंड से लौटकर(यात्रा संस्मरण) संयुक्त अरब अमीरात में सात दिन(यात्रा संस्मरण), हिमालय से हिमालय तक(यात्रा संस्मरण)
पटना से पोर्ट ब्लेअर(यात्रा संस्मरण)
सुनहरे सात दिन सिंगापुर व कुलालम्पुर के(यात्रा संस्मरण)
पटना से पोर्ट ब्लेयर तक (यात्रा संस्मरण)
आकाशवाणी केंद्रों व विभिन्न टेलीविजन चैनलों,,(पटना,दिल्ली,देहरादून,गाजियाबाद,नजीबाबाद,पौड़ी,पोर्ट ब्लेअर) से कविता,आलेख एवं वार्ता प्रसारण।
दूरदर्शन, राष्ट्रीय सहारा, सुदर्शन, दैनिक हिंट आदि पर काव्य पाठ
लालकिले पर हिंदी अकादमी दिल्ली द्वारा आयोजित कवि सम्मेलनों में अनेक बार काव्य पाठविदेश यात्राएं-मारीशस, लंदन, संयुक्त अरब अमीरात (दुबई, शारजाह,अजमान, आबूधाबी,फुजीरोह), थाईलैंड, सिंगापुर, मलेशिया, नेपाल, भूटान, बहरीन,मस्कट आदिसम्मान/पुरस्कार/उपाधि
भारत के राष्ट्रपति द्वारा राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार,पर्यटन मंत्रालय भारत सरकार द्वारा राहुल सांकृत्यायन पुरस्कार, हिन्दी भूषण, हिन्दी साहित्य सेवी, विद्या वाचस्पति, शैलेश मटियानी राज्य शिक्षक पुरस्कार, हिन्दी गौरव आदि
सम्प्रति-प्रधानाध्यापक
राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय
उत्तराखंड
पत्रालय-निकट चौरास पुल
बद्रीनाथ मार्ग
श्रीनगर गढ़वाल
उत्तराखंड
पिन-२४६१७४
ईमेल-neerajnaithani31@gmail com
ध्वनि संपर्क-९०१२९४५३३२/९४१२९४९८९४