देहरादून। देवभूमि उत्तराखण्ड में मुस्लिम यूनिवर्सिटी की स्थापना का बयान देने वाला नेता को आखिरकार कांग्रेस से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है।
प्रदेश महामंत्री मथुरा दत्त जोशी द्वारा जारी पत्र द्वारा प्रदेश उपाध्यक्ष उत्तराखण्ड कांग्रेस आकिल अहमद को कांग्रेस के सभी पदों से मुक्त करते हुई, पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया है।
राजनीतिक गलियारों की चरवाहों के अनुसार “मुस्लिम यूनिवर्सिटी” के बयान ने सत्ता में आती कांग्रेस को विपक्ष में बिठा दिया। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत लगातार इस मुद्दे पर मुखर है तो वहीं आकील अहमद लगातार मुस्लिम यूनिवर्सिटी को लेकर बयानबाजी कर रहे हैं।
जिसके बाद ही उत्तराखण्ड कांग्रेस के महामंत्री संगठन मथुरा दत्त जोशी ने अकील अहमद के निष्कासन का आदेश जारी किया गया है। निष्कासन पत्र में बयानबाजी को निष्कासन की वजह बताया गया है।
निष्कासन पत्र में लिखा है कि आकील अहमद की उत्तराखण्ड विधानसभा चुनाव 2022 के दौरान एवं उसके उपरान्त इलेक्ट्रोनिक / प्रिंट एवं सोशल मीडिया के माध्यम से लगातार की जा रही बयानबाजी उनके पद की गरिमा के अनुकूल नहीं है।
निष्कासन पत्र में आगे लिखा गया है कि “अकील के द्वारा की गई अनर्गल बयानबाजी से पार्टी संगठन की छवि धूमिल हुई है। इससे पूर्व भी पार्टी संगठन द्वारा आपको अनर्गल बयानबाजी न करने की हिदायत देते हुए दिनांक 8 फरवरी, 2022 को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था।”
बावजूद इसके प्रदेश उपाध्यक्ष आकिल अहमद ने इलेक्ट्रोनिक / प्रिंट एवं सोशल मीडिया के माध्यम से लगातार अनर्गल बयानबाजी की जा रही है। जिसे केन्द्रीय नेतृत्व द्वारा गम्भीरता से लिया गया है और उनके विरुद्ध कार्रवाई करते हुए कांग्रेस के सभी पदों से मुक्त करते हुए, कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से 6 साल के लिए निष्कासित किया जाता है।
आपकी बात दें कि जब आकिल अहमद ने मुस्लिम यूनिवर्सिटी का बयान दिया था तब वह प्रदेश सचिव के पद पर थे और पार्टी में बयान के तुरंत बाद उन्हें प्रदेश उपाध्यक्ष के पद से नवाजा था।