प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय ननूरखेड़ा देहरादून में प्राथमिक शिक्षक भर्ती के विज्ञापन की मांग के साथ 17 दिनों से डी.एल.एड. प्रशिक्षित अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं। शासन प्रशासन की तरफ से इनकी कोई सुध लेने नहीं आया है। धरने के दौरान प्रशिक्षितों द्वारा निदेशालय प्रांगण की साफ सफाई तथा ऐपन निर्माण किया गया।
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प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षकों के 4000 से अधिक पद रिक्त है और इसकी पुष्टि भी शिक्षा मंत्री द्वारा लिखित रूप से की गई है। परन्तु 11 अगस्त 2023 को सर्वोच्च न्यायालय द्वारा प्राथमिक शिक्षक भर्ती में बी.एड. अभ्यर्थियों को प्राथमिक शिक्षक के लिए अयोग्य होने के फैसले के 6 महीने बाद भी सरकार द्वारा अभी तक नियमावली को ही संशोधित नहीं किया गया है यह सरकार की प्राथमिक शिक्षा के प्रति निष्क्रियता को दर्शाता है ।
माननीय शिक्षा मंत्री जी अपने झूठे आश्वासनों द्वारा लोगों को गुमराह करते रहे हैं। क्या इन झूठे वादों से ही राज्य के नौनिहालों का भविष्य सुधरेगा। विद्यालयों में बिना शिक्षकों के “सब पढ़े, सब बढ़े” का नारा कैसे सार्थक होगा ।
जगह-जगह जाकर नए प्राथमिक विद्यालयों का शिलान्यास,पुराने विद्यालयों के जीर्णोद्धार कर अपनी वाहवाही करवा रहे नेता जी शायद भूल गये हैं कि शिक्षा के लिए विद्यालय के भवन के साथ -साथ विद्यार्थी और शिक्षक भी आवश्यक होते हैं। बिना शिक्षकों के हमारे विद्यालय अपने अस्तित्व खो रहे हैं।आय-दिन विद्यालयों के बंद होने की खबरें अख़बारों में पढ़ने को मिलती हैं। परन्तु शासन को अपनी
डी. एल. एड. प्रशिक्षितों की बस एक ही मांग है कि आचार संहिता से पहले प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती का विज्ञापन जारी कर विद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति की जाए जिससे नौनिहालों का भविष्य सुधरे तथा लोगों में सरकारी विद्यालयों के प्रति विश्वास बढ़े ।