Cricket Uttarakhand – में फिर बवंडर! CaU के घर के भीतर से फिर आवाज उठी, `President गुनसोला-Secretary माहिम वर्मा धांधली कर रहे-बाहरियों को जबरन खिला रहे’:पूर्व प्रवक्ता संजय गुसाईं ने PC कर उधेड़ी दोनों की पोल: नेगी-सेठी की CM पुष्कर से दखल व स्टीयरिंग कमेटी को क्रिकेट सञ्चालन सौंपने की मांग:
BCCI पर अंगुली! बर्खास्तगी को पूर्व कोषाध्यक्ष पृथ्वी नेगी की HC में चुनौती: अदालत ने CaU को लगाईं फटकार
Cricket Association of Uttarakhand में धांधलियों और घपलों पर अगुली उठाते हुए संस्था के पूर्व प्रवक्ता और Voting अधिकार वाले सदस्य संजय गुसाईं ने आज Press Conference कर President जोत सिंह गुनसोला और Secretary माहिम वर्मा पर तमाम गंभीर आरोप लगाए.उन्होंने दोनों के साथ ही देहरादून की क्रिकेट एसोसिएशन पर साजिशन नाकाम और अयोग्य खिलाड़ियों को टीम में जगह देने के आरोप लगाए और उत्तराखंड के बेहतरीन बल्लेबाजों-गेंदबाजों को ट्रायल में भी न भेजने के लिए आड़े हाथों लिया.उन्होंने उत्तराखंड के असली क्रिकेटरों के हितों की रक्षा के लिए CM पुष्कर सिंह धामी-खेल मंत्री रेखा आर्य और खेल महकमे के प्रमुख सचिव अभिनव कुमार से CaU में चल रहे गोरखधंधे में दखल देते हुए जरूरी कार्रवाई करने की मांग की.उत्तराखंड को ले लेकर BCCI की भूमिका पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं.।
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गुसाईं ने बाहरी तथा स्थानीय उत्तराखंडी मूल के Cricketers के बल्लेबाजी-गेंदबाजी रिकॉर्ड से जुड़े दस्तावेज पेश करते हुए कहा कि दिल्ली-गाजियाबाद और अन्य बाहरी शहरों के खिलाड़ियों को घटिया प्रदर्शन के बावजूद उत्तराखंड टीम में खिलाया जा रहा.राज्य टीम में चयन कराने का दावा करने वाले-धोखाधड़ी में FIR और जमानत पर चल रहे एक बाहरी शख्स की क्रिकेट एकेडमी के खिलाड़ियों को उत्तराखंड के बेहतरीन खिलाड़ियों पर तरजीह देते हुए टीम में रखा जा रहा है.
उन्होंने कहा कि BCCI से मान्यता मिलने के बाद से ही CaU में ये हाल चल रहा है.अध्यक्ष और सचिव का पूरा संरक्षण क्रिकेट माफिया को मिल रहा है.इसके चलते देश-विदेश में CaU बदनाम हो चुकी है. CaU के Member संजय ने कहा कि Selection में खुल के और बेशर्मी से धांधली हो रही है.पादर्शिता बिल्कुल नहीं है.अध्यक्ष-सचिव-CEO-Co-Ordinator से कभी भी सही जवाब नहीं मिलता है.75 की बल्लेबाजी औसत वाले उत्तराखंडी क्रिकेटर को दरकिनार कर 30 की औसत वाले को टीम में रखा जा रहा है?UPL में घटिया प्रदर्शन वालों को टीम में जगह दी जा रही है.
उन्होंने कहा कि शानदार प्रदर्शन वाले स्थानीय युवाओं को ट्रायल तक में नहीं बुलाया गया.बाहरी खिलाड़ियों को सीधे टीम में बिना उनका प्रदर्शन आंके कैसे रखा जा रहा है,इसका जवाब कोई नहीं दे रहा.संजय ने देहरादून क्रिकेट एसोसिएशन पर आरोप लगाया कि उसके निदेशक खुद को अध्यक्ष और सचिव लिख के गैर कानूनी कृत्य कर रहे हैं.ये संस्था कम्पनी एक्ट में पंजीकृत है.अध्यक्ष-सचिव वहां नहीं होते हैं.उन्होंने ये आरोप भी लगाया कि BCCI से करोड़ों रूपये मिलने के बावजूद UPL-WUPL में खिलाड़ियों को न खाने और न ही रहने की सुविधा दी गई.उनको ये बंदोबस्त खुद करने पड़े.उनको टीमों से खेलने का कोई पैसा भी नहीं दिया गया.
संजय ने कहा कि उत्तराखंड क्रिकेट को हमेशा ही राज्य सरकार से पूरा सहयोग मिलता रहा है.CM को चाहिए कि वह क्रिकेट में भ्रष्टाचार को दूर करने के लिए जरूरी कदम उठाएं.Association के पूर्व कोषाध्यक्ष पृथ्वी नेगी ने भी अपनी बर्खास्तगी के खिलाफ HC की शरण ले ली है.पहली सुनवाई के दिन ही जस्टिस राकेश थपलियाल ने CaU की कार्य प्रणाली पर गहरी नाराजगी प्रकट कर अगली तारीख दी.नेगी ने कहा कि CM पुष्कर ने भ्रष्टाचार के खिलाफ मोर्चा खोल के कई भ्रष्टाचारियों को जेल भेजा है.
उन्होंने कहा कि CaU के अध्यक्ष-सचिव पुष्कर सरकार की Zero Tolerance की नीति को बदनाम कर रहे हैं.क्रिकेट खिलाड़ियों की जिंदगी तबाह कर रहे.तानाशाही मचाए हुए हैं.सरकार को चाहिए कि वह CaU की Executive Body को तत्काल भंग कर के पंजीकरण भी रद्द कर स्टीयरिंग कमेटी को सञ्चालन सौंप दे. BCCI को नए सिरे से यहाँ CaU का चुनाव कराने की सिफारिश करे.पृथ्वी के साथ ही माहिम और अन्य के खिलाफ गंभीर मामलों में FIR दर्ज कराने वाले वीरेन्द्र सेठी ने ED-IT-CBI से मांग की कि CaU के अहम ओहदे पर बैठे कुछ लोगों की आय और उनके खर्चों की जांच करें.
उन्होंने सवाल उठाया कि कैसे कुछ ओहदेदार बिना नौकरी-कारोबार और घोषित आय के साधन के ठाठ से रह रहे.महंगे स्कूलों में बच्चे पढ़ा रहे.माहिम वर्मा के खिलाफ HC में PIL पर 9 अक्टूबर को सुनवाई है.10 अक्टूबर को पृथ्वी वाले मामले में भी सुनवाई तय है.देहरादून के जिला जज की अदालत में फर्जी टूर्नामेंट के आयोजन और अध्यक्ष के फर्जी दस्तखत मामले में माहिम के पिता और CaU सदस्य तथा पूर्व सचिव PC वर्मा के खिलाफ भी मुकदमा चल रहा.दोनों पिता-पुत्र जमानत पर बाहर हैं.
CaU के चमोली के सचिव और पूर्व महिला विंग प्रमुख नरेंद्र शाह भी नाबालिग महिला क्रिकेटर के यौन उत्पीड़न में जमानत पर है.पृथ्वी-गुसाईं के आरोपों को इसलिए भी हलके में नहीं लिया जा सकता है कि वे संस्था में प्रमुख ओहदों में रह चुके हैं.गुसाईं अभी भी संस्था में हैं.दोनों को अंदरूनी जानकारी है.