देहरादून : कोरोनाकाल में देश भर से अजीबोगरीब खबरों से रूबरू होते रहे । वही एक ओर जहां कोरोना संक्रमण के चलते लोग अपने सगो से भी दूरी बना रहे हैं वहीं दूसरी ओर इस संक्रमण के दौरान एक परिवार को अपना बिछुड़ा बेटा तीन साल बाद मिल गया। इस महान कार्य का श्रेय भी कोरोना योद्धा डॉ. अमित यादव को जाता है जिन्होंने इस युवक को उनके परिजनों से मिलवा दिया।
मसूरी में सेवा दे चुके आयुर्वेदिक सर्जन डा. अमित यादव इन दिनों पौंधा बिंदोली देहरादून में सरकारी अस्पताल झाझरा में सेवारत हैं इन दिनों उनकी तैनाती कोरोना योद्धा के रूप में कोसमई स्टान्जा हास्टल में है जहां लोगों को एकातंवास में रखा जाता है।
विगत दिनों पुलिस ने एक युवक को देहरादून रेलवे स्टेशन से पकड़ा व उसे दून अस्पताल ले आये यहं मानसिक रूप से अस्वस्थ था। इस युवक की कोरोना जांच की गई जिसमें यह नेगेटिव पाया गया जिसके बाद इसे दून अस्पताल से पौधा बिंदोली क्वाराइंटन के लिए भेज दिया गया। जहां डा. अमित यादव ने इससे पूछना चाहा कि वह कहां का है लेकिन वह बता नहीं पाया। लेकिन धीरे धीरे लगातार डा. अमित यादव ने उससे पूछताछ जारी रखी तब उसने बताया कि वह विलासपुर छत्तीसगढ का रहने वाला है। उसने अपना नाम अभिषेक बताया व उम्र 18 वर्ष है। पूछने पर उसने बताया कि उसके माता पिता नहीं है उसका लालन पालन चाचा चाची करते हैं तथा दादी अभी जीवित है।
इसके बाद उन्होंने इसके परिवार से मिलाने की ठानी व पुलिस को पता लगाने के लिए कहा लेकिन कोई मदद नहीं मिल पायी। फिर उन्होंने विलासपुर के थानाध्यक्ष का नंबंर गुगल से सर्च किया व उनसे बात की कि विलासपुर में लाल चैक पर एक पान की दुकान है उनके परिवार का एक युवक यहां है लेकिन उन्होंने प्रयास तो किया लेकिन घर का पता लगाने में सफल नहीं हो पाये। फिर उन्होंने खुद गूगल पर विलासपुर के राजीव गांधी चैक बाजार का मैप निकाला व दुकानों को देखा जिस पर कुछ दुकानों के मोबाइल नंबर बोर्ड पर लिखे मिले जिसमें से एक पर फोन किया व पता किया कि यहां पर कोई पान की दुकान है तो उन्होंने कहा है इस पर उन्होंने उनके चाचा का नंबर लेकर उनसे बात की व युवक की भी बात कराई जिससे वह इस युवक को पहचान गये फिर उन्होंने वीडियो कॉल की व परिवार ने उसको देखा व दादी से भी बात करायी तो पूरे परिवार की खुशी का ठिकाना नहीं रहा।
डा. यादव ने उनके परिवार को भरोसा दिलाया कि उनके परिवार के इस सदस्य को कुछ दिनों बाद सुरक्षित पहुंचा दिया जायेगा यहां पर उनके खाने पीने से लेकर सोने आदि की पूरी व्यवस्था उत्तराखंड सरकार की गई है। युवक के परिजनों ने बताया कि यह तीन साल से लापता है उन्होंने कई जगह ढूंढा लेकिन पता नहीं चला। उसकी थाने में गुमशुदी की तहरीर भी दर्ज है। युवक ने डा. अमित यादव को पूछने पर बताया कि वह कोलकाता में काम करता था व विगत दिनों रेल से दिल्ली आ गया व अपने घर का रास्ता भूल गया वह थोड़ा मानसिक रूप से विक्षिप्त भी था व दिल्ली से रेल पटरी के रास्ते होते हुए देहरादून पहुंच गया जहां पुलिस ने इस युवक को पकड़ लिया।
मालूम हो कि डा. अमित यादव विगत 22 दिनों से क्वाराइंटन सेंटर में तैनात है तथा वह इसके अलावा अपनी कुशलता से कोरोना संक्रमण के रोगियों को देखने का भी हौंसला रखते हैं। डा. अमित यादव ने कोरोना संक्रमण के चलते एक बिछुडे़ युवक को उनके परिवार से मिला दिया जिसकी जमकर सराहना हो रही है। हमारी जब डॉ. अमित से बात हुई तो उन्होंने बताया की इस सराहनीय कार्य में फार्मासिस्ट मनोज भट्ट और विनोद कुमार का विशेष साथ रहा।