देहरादून-: आज दिनांक 06-जुलाई को संयुक्त नागरिक संगठन के आह्वाहन पर विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधि व बुद्धिजीवियो के साथ पृथक उत्तराखण्ड राज्य बनने के बाद वर्तमान सरकार के पूर्व मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र रावत शासनकाल में भू-कानून में जो बदलाव कर पूरी दुनिया के लिए प्रदेश में विशेषकर पहाड़ो पर भूमि खरीदने की जो छुट प्रदान की उससे आमजन में रोष व्याप्त है़।
संयुक्त नागरिक संगठन के सचिव सुशील त्यागी व डाक्टर बी के ओली द्बारा संयुक्त बयान में कहा कि प्रदेश में इस कानून से कृषि भूमि तो खत्म हुई है़ साथ ही जल जंगल को बचाने का संकट पैदा हो गया है़। वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी व महिला आयोग की अध्यक्ष सुशीला बलूनी एंव अध्यक्ष ब्रिगेडियर केo जीo बहल द्बारा कहा गया कि इस राज्य के लिए हमने इसलिए संघर्ष और शहादतें नही किया कि हमारा राज्य भू माफियों की शैरगाह बन जाय। हमे हिमाचल व हिमालयी राज्यों की तर्ज पर भू क़ानून बनाया जाय।
बैठक में प्रदीप कुकरेती व भण्डारी ने सरकार से मांग की है़ कि तुरन्त भू कानून में सुधार किया जाय अन्यथा आमजन सड़को पर आने को विवश होंगे।
संयुक्त नागरिक संगठन की अध्यक्षता करते हुए कहा कि जल्द ही माननीय मुख्यमन्त्री जी को जिलाधिकारी के माध्यम से ज्ञापन प्रेषित किया जाऐगा।