देहरादून नगर निगम में टेंडर संबंधी जानकारी लेने पहुंचे सल्ट से भाजपा विधायक महेश जीना पर नगर आयुक्त और अन्य अधिकारियों से अभद्रता का आरोप लगा है। इसके विरोध में नगर निगम कर्मचारी हड़ताल पर चले गए हैं।
विधायक महेश जीना मंगलवार को करीब साढ़े तीन बजे सहायक नगर आयुक्त एसपी जोशी के कार्यालय पहुंचे। डंप कूड़े के निस्तारण के टेंडर में एक कंपनी को बाहर करने को लेकर जानकारी मांगी। जिस पर एसपी जोशी ने लिपिक पवन थापा से कहा कि वह विधायक की मुलाकात टेंडर की प्रक्रिया में लगी कंपनी के कर्मचारियों से करवा दें।
आरोप है कि इसी बात को लेकर विधायक भड़क गए। कर्मचारियों का आरोप है कि उनके साथ अभद्र भाषा का प्रयोग किया गया। कर्मचारी नगर आयुक्त को मामले की जानकारी देने पहुंचे। विधायक भी समर्थकों के साथ नगर आयुक्त के कक्ष में आ गए। आरोप है कि कार्यालय में प्रवेश करते ही वह नगर आयुक्त पर भड़क गए।
आरोप है कि नगर आयुक्त से अभद्र भाषा का प्रयोग किया गया। इस पर नगर आयुक्त ने यहां तक कह दिया कि वह गाली सुनने के लिए नहीं बैठे हैं। नगर आयुक्त ने इस्तीफे की धमकी दे डाली। दस मिनट तक चले विवाद के बाद विधायक यह कहते हुए निकल गए कि वह मामले को सीएम के सामने रखेंगे।
विधायक बोले- नगर आयुक्त ने इस्तीफे की धमकी दी
सल्ट विधायक महेश जीना का कहना है कि टेंडर के बारे में जानकारी मांगने पर नगर आयुक्त ने उनसे अभद्रता की और जबाव के बजाय इस्तीफे की धमकी दे डाली। विधायक जीना ने कहा कि उनके एक मित्र ने नगर निगम में टेंडर भरा था। वह उसके बारे में जानकारी मांगने नगर निगम गए थे।
नगर आयुक्त को पूछा तो उन्होंने कहा कि वह सचिवालय में हैं। मैं जानकारी ले ही रहा था तो इस बीच वह पहुंच गए। विधायक ने आरोप लगाया कि नगर आयुक्त ने टेंडर निरस्त होने का कारण पूछने पर एक स्टाफ से बात करने को कहा। लेकिन पता चला कि वह स्टाफ नहीं बल्कि एक ठेकेदार था। जब मैंने ठेकेदार से आईडी मांगी तो वह भाग कर निगल गया।
इसके बाद मैंने नगर आयुक्त से जानकारी मांगी तो वह तू तड़ाक से बात करने लगे। उनका गनर भी कमरे में ही था। मैंने पूछा कि गनर को कमरे में क्यों रखा है तो आयुक्त ने कहा कि जब सरकार ने सुरक्षा दी है तो साथ रखा है। विधायक ने आरोप लगाया कि नगर आयुक्त ने जनप्रतिनिधि के सवालों के जबाव देने की बजाय अभद्रता की।
सीएम ने जांच बिठाई, 15 दिन में मांगी रिपोर्ट
विधायक और नगर आयुक्त के विवाद को सीएम पुष्कर सिंह धामी ने गंभीरता से लिया है। सीएम के निर्देश पर इस मामले की जांच बिठा दी गई। गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पांडे को जांच सौंपी गई है। कमिश्नर को पंद्रह दिन के भीतर सभी पहलुओं की जांच कर सरकार को रिपोर्ट देनी होगी।
निजी कंपनी के कर्मचारियों की टेंडर में भूमिका पर सवाल? : सहस्त्रत्त्धारा रोड पर नगर निगम की पुरानी डंपिंग साइट पर जमीन के नीचे दबे कूड़े का वैज्ञानिक तरीके से निस्तारण करवाने के लिए नगर निगम ने टेंडर जारी किया है।
करीब बीस से पच्चीस करोड़ के बजट से कूड़ा निस्तारण होना है, टेंडर की दरों के हिसाब से यह लागत घट-बढ़ सकती है। इस टेंडर को लेकर निगम के अधिकारियों को दबाव झेलना पड़ रहा है।
वहीं विधायक ने सवाल उठाते हुए कहा कि आखिर एक निजी कंपनी के कर्मचारी उन्हें टेंडर की फाइल क्यों दिखा रहे थे और ये कौन हैं? इससे पहले टेंडर की शर्तें बदलने को लेकर भी सवाल उठे थे। वहीं टेंडर प्रक्रिया में देरी से भी विवाद की स्थिति पैदा हो रही है।
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