देहरादून:-उत्तराखंड कांग्रेस के महामंत्री संगठन विजय सारस्वत और और उपाध्यक्ष व पूर्व मंत्री धीरेंद्र प्रताप ने गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी से मांग की है कि गुजरात में राजकोट में फंसे उन प्रवासी उत्तराखंडी प्रवासियों की तत्काल भोजन और उत्तराखंड वापसी की तत्काल व्यवस्था करें जो भूख और प्यास से वहां वहां राहत कैंपों में फंसे है और बदहाली का जीवन जीने को मजबूर हो रहे हैं। विजय सारस्वत और धीरेंद्र प्रताप ने बताया कि राजकोट मे रह रहे प्रवासी उत्तराखंडीउयो ने उन्हें और उनके साथियों को फोन द्वारा सूचना देकर यह बताया है कि वह भारी परेशानियों से वहां पर गुजर रहे हैं और यहां तक कि खाने तक के उनको लाले पड़े हुए है।
विजय सारस्वत और धीरेंद्र प्रताप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी आग्रह किया है कि वे इस मामले मे हस्तक्षेप करे। उन्होंने कहा है कि उन्हें कई जगह से यह जानकारी भी मिली है कि प्रवासियों के घर वक़्त कोरोना का टेस्ट करने के लिए भी 3800 से लेकर ₹4000 तक वसूले जा रहे हैं ।जोकि गरीब मजदूर किसान और कामगारो की बुरी हालत के इस दौर में जनता के साथ एक भद्दा मजाक है।
विजय सारस्वत और धीरेंद्र प्रताप ने स्पीच इस बीच उत्तर प्रदेश के विधायक अमनमणि त्रिपाठी द्वारा तमाम लाँक डाउन के नियमों का उल्लंघन कर उत्तराखंड पहुंचने पर राज्य सरकार का मखौल उड़ाते हुए कहा है कि उसने राज्य में आने वाले “आम आदमियों और खास आदमियों :में दौहरे कानून का सहारा लिया हुआ है जो कि बहुत ही शर्मनाक ।उन्होंने इस मामले में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से जवाब मांगा है और उन्होंने कहा है कि अगर प्रीतम सिंह जो कांग्रेस अध्यक्ष हैं विपक्ष के सबसे बड़े दल के नेता हैं उनके आवास पर जाते हैं तो कोरोना फैल जाता है और उत्तर प्रदेश के निर्दलीय विधायक जो कई अपराधों में फंसे हुए हैं उत्तराखंड मे आते हैं तो उनका तमाम कानूनों को दरकिनार करके स्वागत किया जाता है हयह कहां का इंसाफ है। उन्होंने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत से इस मामले में स्पष्टीकरण देने की मांग की है और भाजपा प्रवक्ता मुन्ना चौहान से भी कहा है कि वह भी अब यह बताएं कि प्रीतम सिंह तो उनके लिए लाकडाउन के अपराधी हैं या उत्तर प्रदेश से आए हुए विधायक अमरमणि त्रिपाठी ।उन्होंने इस मामले में हस्तक्षेप करने वाले एसडीएम के के प्रति साधुवाद व्यक्त किया है।