Saturday, July 27, 2024
Latest:
उत्तराखंड

श्रीलंका में एक कार दुर्घटना में उत्तराखंड के प्रसिद्व कवि लेखक साहित्यकार श्री गंगा प्रसाद बिमल जी व उनकी पुत्री व नातन की मृत्यु हो गईं

आज दिनांक 25 दिसम्बर को पसिद्ध कवि , लेखक , साहित्यकार , श्री *गंगा प्रसाद विमल* जी के साथ ही उनकी पुत्री *कनुप्रिया* व *नातन* क़ी श्रीलंका मेँ एक कार दुर्घटना के दौरान *मृत्यु हो गई* जिससे उनके परिजनो के साथ ही साहित्यकारों , कवियों व लेखकों मेँ शोक क़ी लहर है।
विमल जी के भांजे राज्य आन्दोलनकारी व कोलागढ के *पूर्व प्रधान अनुज नौटियाल जी* ने बताया कि उनके मामा श्री गंगा प्रसाद विमल व उनकी पुत्री व नाती का कि एक कार दुर्घटना मेँ देहांत हो गया वह कूल पांच लोग श्रीलंका यात्रा पर थे।
उनके मामा विमल जी के दो बच्चे थे। एक पुत्र व एक पुत्री थी पुत्र अमेरिका मेँ रहते हैं वह सूचना के बाद दिल्ली के लिए रवाना हो गये है। जिला टिहरी गढ़वाल के टिंगरी गांव के मूल निवासी थे। वर्तमान मेँ दिल्ली निवास करते थे। उनके पिता राजशाही के समय उपजिलाधिकारी भाई रहे।
जनकवि अतुल शर्मा जी ने बताया कि खबर सुनकर बेहद दुख हुआ। विमल जी से मेरा गहरा रिश्ता रहा है उन्होंने मेरे सम्पादन में छपी पुस्तक “वाह रे बचपन “मे अपने बचपन का सन्समरण लिखा था। साथ ही स्वतंत्रता सेनानी कवि श्री राम शर्मा प्रेम पर सम्पादित पुस्तक अग्नि पुरुष मे भी सन्समरण लिखा कि वे जब देहरादून डी ए वी कालेज में पढते थे टो प्रेम जी उनके प्रेरणास्रोत रहे। उनके द्बारा मुझ पर छपी पुस्तक “डाअतुल शर्मा: विविध आयाम ” को गम्भीरता से लिया था और वे इस पुस्तक के अतिथि सम्पादक थे।
डा० विमल हिन्दी साहित्य के वरिष्ठ लेखक कवि और आलोचक रहे। वे पूर्व अध्यक्ष भारतीय भाषा विभाग जे एन यू दिल्ली और पूर्व निदेशक केन्द्रित निदेशालय दिल्ली रहे ।

आज राज्य आन्दोलनकारी मंच ने उनके निधन को बड़ी क्षति बताया श्रद्धांजलि देते हुए डा० अतुल शर्मा जनकवि , अनुज नौटियाल , पीताम्बर बर्त्वाल , जगमोहन नेगी , रामलाल खंडूड़ी प्रदीप कुकरेती , जयदीप सकलानी , मदन डुकलान , रोशन धस्माना , यशवीर आर्य , सुलोचना भट्ट आदि ने शांति क़ी प्रार्थना क़ी।
प्रदीप कुकरेती

Rajnish Kukreti

About u.s kukreti uttarakhandkesari.in हमारा प्रयास देश दुनिया से ताजे समाचारों से अवगत करना एवं जन समस्याओं उनके मुद्दो , उनकी समस्याओं को सरकारों तक पहुॅचाने का माध्यम बनेगा।हम समस्त देशवासियों मे परस्पर प्रेम और सदभाव की भावना को बल पंहुचाने के लिए प्रयासरत रहेगें uttarakhandkesari उन खबरों की भर्त्सना करेगा जो समाज में मानव मानव मे भेद करते हों अथवा धार्मिक भेदभाव को बढाते हों।हमारा एक मात्र लक्ष्य वसुधैव कुटम्बकम् आर्थात समस्त विश्व एक परिवार की तरह है की भावना को बढाना है। हम लोग किसी भी प्रतिस्पर्धा में विस्वास नही रखते हम सत्यता के साथ ही खबर लाएंगे। हमारा प्रथम उद्देश्य उत्तराखंड के पलायन व विकास पर फ़ोकस रहेगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *