इनपुट सोशल मीडिया
कहते है कि जीवनसाथी ईस्वर जन्म लेने से पहले ही बनाकर इस धरती पर भेजता है।
तीन साल पहले सोशल मीडिया के द्वारा
अफ्रीकी देश मोरक्को की मुस्लिम लड़की को अपने मुल्क से हज़ारों किलोमीटर दूर ग्वालियर के हिन्दू लड़के से प्यार हुआ. युवती ने प्यार की खातिर अपना मुल्क छोड़ दिया. लड़के ने भी युवती के पिता को भरोसा दिया कि वो उसका कभी धर्म परिवर्तन नहीं कराएगा. दोनों अपने-अपने धर्म-संस्कृति का पालन करते हुए पति-पत्नी बने रहेंगे. इसके बाद मोरक्को की मुस्लिम युवती ने और ग्वालियर के हिंदू युवक ने बुधवार को एडीएम कोर्ट में शादी रचा ली. तीन साल पहले दोनों सोशल मीडिया पर साथ आए, फिर यह दोस्ती प्यार में बदल गई. हालांकि दोनों के मजहब अलग-अलग थे, इसलिए चिंतित थे. दोनों ने शादी के फैसले के बारे में अपने-अपने परिवार को बताया. अविनाश दो बार शादी का प्रस्ताव लेकर मोरक्को गया. लड़की के पिता ने अविनाश से भारत और हिंदू धर्म छोड़कर मोरक्को में बसने का ऑफर दिया जिसे उसने ठुकरा दिया. अविनाश ने फादवा के पिता से कहा कि न तो मैं अपना देश छोडूंगा और न ही अपना धर्म परिवर्तन करूंगा. साथ ही यह भी कहा कि आपकी बेटी का भी धर्म परिवर्तन नहीं कराऊंगा.
कुछ दिन में दोनों हिंदू रीति-रिवाज से भी शादी करेंगे और कोविड के बाद रिसेप्शन भी देंगे. अविनाश दो बार शादी का प्रस्ताव लेकर मोरक्को गया, लेकिन फादवा के पिता अली लैमाली ने शादी के लिए इनकार किया. लेकिन, दोनों इस शादी के लिए अड़ गए तो पिता ने अविनाश से भारत और हिंदू धर्म छोड़कर मोरक्को में बसने का ऑफर दिया. अविनाश ने फादवा के पिता से कहा कि न तो मैं अपना देश छोडूंगा और न ही अपना धर्म परिवर्तन करूंगा, लेकिन मैं आपकी बेटी का भी धर्म परिवर्तन नहीं कराऊंगा. उसे अपना धर्म और अपनी परंपराए उसी तरह निभाने की आजादी भारत में होगी, जैसे वह मोरक्को में निभाती आई है. अविनाश की बात सुनकर परिवार को यकीन हो गया कि बेटी फादवा के लिए अविनाश अच्छा जीवन साथी साबित होगा. फिर परिवार रजामंद हो गया. सप्ताहभर पहले फादवा ने मोरक्को में अपनी शादी के लिए NOC के लिए आवेदन किया था. कानूनी दस्तावेजों की प्रक्रिया पूरी होने के बाद मोरक्को से अनुमति मिल गई. इसके बाद ग्वालियर की SDM कोर्ट में शादी प्रमाणपत्र के लिए आवेदन किया. बुधवार को प्रेमी जोड़ा एडीएम कोर्ट पहुंचा जहां एडीएम एचबी शर्मा की मौजूदगी में दोनों ने शादी कर ली.