यमकेश्वर

पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की यमकेश्वर में पहली चुनावी रैली,, क्या बीजेपी के गढ़ में सेंध लगाने में कामयाब होगी कांग्रेस,,,

यमकेश्वरः यमकेश्वर विधानसभा में दिनांक 27 नवम्बर 2021 को डांडामण्डल किमसार और दुगड्डा के डाडामंडी क्षेत्र में कांग्रेस के क्षत्रप माने जाने वाले पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की पहली चुनाव रैली है। इस रैली से यमकेश्वर में तीन धुरो मेंं बॅटी काग्रेंस किस तरह एकजुटता का परिचय देती है यह भी देखने वाली बात होगी। दिनांक 27 नवम्बर को प्रातः 10 बजे यमकेश्वर क्षेत्र के बीजेपी का सबसे मजबूत किला माने जाने वाला डांडामण्डल क्षेत्र के किमसार में रैली की जा रही है।

पूर्व मुख्यमंत्री की यमकेश्वर विधानसभा की चुनाव से पहले 2022 की पहली रैली होने जा रही है। यमकेश्वर की काग्रेंस किला को हरीश रावत किस तरह से अपने कार्यकर्ता और सेनानायकों को क्या कुछ संदेश देते हैं, इस पर सबकी निगाह रहेगी। डांडामण्डल क्षेत्र का यमकेश्वर विधानसभा में राजनीतिक रूप से काफी प्रभावशाली माना जाता है। अभी तक इस क्षेत्र को बीजेपी का गढ करार दिया जाता है। ऐसे में यमकेश्वर के डांडामण्डल क्षेत्र में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की बीजेपी के गढ डांडामंण्डल का केन्द्र किमसार से 2022 में हुंकार भरेगें। उनकी भाषण शैली और रणनीति किस तरह से मतदाताओं और जनता को प्रभावित करती है और कांग्रेस के प्रति किस तरह से जनता में खोया हुआ विश्वास को पुनः जगाने में सफल होगे यह तो कल की रैली से पता चलेगा।

वहीं दूसरा कार्यक्रम उनका डांडामण्डी में है, यह दुगड्डा क्षेत्र में अवस्थित है। यहॉ पर भी पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत जनसभा करेंगें और यमकेश्वर विधानसभा में आगामी चुनाव मेंं काग्रेंस के पक्ष को मजबूत करने एवं सत्ताधारी पार्टी के गढ में सेंध लगाने के लिए अपनी कुशल रणनीति को अपनायेगे। हरीश रावत को देखना होगा कि यमकेश्वर विधानसभा में काग्रेस का पिछड़ने का कारण पिछले चार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के ही कार्यकर्ताओं का बागी होकर निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ना रहा है। इस बार भी यदि शैलेन्द्र रावत, रूचि कैन्तुरा, और महेन्द्र राणा के अलावा यमकेश्वर के काग्रेंस प्रभारी और युवा किमसार निवासी विकास नेगी भी टिकट के दौड़ में माने जा रहे हैं। हरीश रावत के करीबी माने जाने वाले विकास नेगी जो कि यूथ काग्रेंस के प्रदेश अध्यक्ष भी हैं, उन पर भी पार्टी विचार कर सकती है, यदि शैलेन्द्र रावत, महेन्द्र राणा और रूचि कैन्तुरा में से कोई एक उम्मीदवार बागी बनकर पुनः चुनाव लड़ता है। ऐसे में हरीश रावत को अंदरूनी उठापठक को भी संतुलित करते हुए जनता में भरोसा दिलाने का प्रयत्न करेगे। हालांकि सूत्रों के हवाले खबर है कि कल दिनांक 27 नवम्बर 2021 को द्वारीखाल मंण्डल मे सतपाल महाराज द्वारीखाल ब्लॉक के भवन का उद्घाटन करने आ रहे हैं, जिसकी अगुवाई महेन्द्र राणा कर रहे हैं, इससे जनता में काग्रेंस कार्यकर्ताओं की अंदरूनी लड़ाई एवं तालमेल नहीं होने का सीधा संदेश जनता में जा रहा है, ऐसे में काग्रेंस क्षत्रप हरीश रावत कैसे इन सबको संतुलित करेगे यह तो आने वाला समय ही बतायेगा, लेकिन हरीश रावत की यह रैलीयां यमकेश्वर में 2022 की चुनावी बिगुल बजाकर काग्रेंस कहीं ना कहीं एकजुटता दिखाने का प्रयास करेगी।

यदि इस बार काग्रेंस एकजुटता का परिचय देते हुए पूरे चुनाव को एकमत होकर संगठनात्मक तौर पर लड़ती है तो काग्रेस  को सफलता मिल सकती है, क्योंकि इस बार जनता परिवर्तन के मूड़ मेंं दिखाई दे रही है। हालांकि अभी बीजेपी से टिकट किसको मिलता है, उस पर भी काग्रेस की रणनीति और बीजेपी का संगठन कैसे इस चुनाव को अतिंम जीत तक ले जाता है  यह तो आने वाले डेढ महीने के बाद पता चल जायेगा। लेकिन हरीश रावत की यमकेश्वर में होने वाली यह दो रैलीयां काफी कुछ बयां करेगी और चुनावी बिगुल को बजाकर यमकेश्वर की राजनीति में गरमाहट देखने को जरूर मिलेगी।

 

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *