एस एस न्यूज /बिग न्यूज /न्यूज हेड घनश्याम पटेल
इंदौर-: सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम द्वारा सिफारिश करने के 48 घंटे के अंदर ही केंद्र द्वारा गुवाहाटी चीफ जस्टिस सुधांशु धूलिया और गुजरात हाईकोर्ट के जस्टिस जे बी पारदीवाला को सुप्रीम कोर्ट के जज के रूप में नियुक्त कर दिया गया है।दोनो जस्टिस सुप्रीम कोर्ट जज के रूप में सोमवार को शपथ लेंगे। जस्टिस जे बी पारदीवाला के रूप में 5 सालों बाद अल्पसंख्यक समुदाय के जज की नियुक्ति की गई है इसके पहले जस्टिस एस अब्दुल नजीर को फरवरी 2017 में सुप्रीम कोर्ट में जज नियुक्त किया गया था।जस्टिस पारदीवाला के मई 2028 में 2 साल से अधिक समय के लिए चीफ जस्टिस बनने की भी संभावना रहेगी।इसी वर्ष सुप्रीम कोर्ट में 6 जज और रिटायर होने से मध्य प्रदेश से एक और जज के सुप्रीम कोर्ट एलिवेशन की संभावना रहेगी।
केंद्र सरकार ने गुवाहाटी उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश सुधांशु धूलिया और गुजरात उच्च न्यायालय के न्यायाधीश जस्टिस जमशेद बुर्जोर पार्डीवाला की नियुक्ति संबंधी अधिसूचना जारी कर दी है। दोनों को सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के रूप में शपथ दिलाई जाएगी। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अगले सप्ताह दोनों के शपथ लेने के बाद सुप्रीम कोर्ट में जजों की कुल संख्या 34 हो जाएगी। कुल बता दें कि वर्तमान में सुप्रीम कोर्ट जजों के
शनिवार को जारी अधिसूचना के मुताबिक केंद्र सरकार ने कहा, भारत के संविधान के अनुच्छेद 124 के खंड (2) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, राष्ट्रपति ने गौहाटी उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया को सुप्रीम कोर्ट न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया है। नोटिफिकेशन में कहा गया कि सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस धूलिया की नियुक्ति उनके पदभार ग्रहण करने की तिथि से प्रभावी होगी। जस्टिस पार्डीवाला की नियुक्ति के लिए भी ऐसा ही नोटिफिकेशन जारी किया गया।
गौरतलब है कि चीफ जस्टिस एनवी रमना के नेतृत्व में सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने गत 4 मई को न्यायमूर्ति धूलिया और पार्डीवाला को पदोन्नत करने की सिफारिश की थी। कॉलेजियम ने केंद्र सरकार से कहा था कि गुजरात और गौहाटी हाईकोर्ट में पदस्थापित दोनों न्यायाधीशों को शीर्ष अदालत में नियुक्ति की मंजूरी दी जाए।
दादा स्वतंत्रता सेनानी, उत्तराखंड से दूसरे सुप्रीम कोर्ट के जज
पदोन्नति के बाद न्यायमूर्ति धूलिया उत्तराखंड उच्च न्यायालय से सुप्रीम कोर्ट जज बनने वाले दूसरे न्यायाधीश होंगे। जस्टिस धूलिया उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले के सुदूरवर्ती गांव मदनपुर के रहने वाले हैं। उनके दादा भैरव दत्त धूलिया एक स्वतंत्रता सेनानी थे और उन्हें ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ में भाग लेने के लिए सात साल जेल की सजा सुनाई गई थी। जस्टिस धूलिया के दादा संस्कृत के विद्वान और आयुर्वेदाचार्य भी थे। उन्होंने अन्य स्वतंत्रता सेनानियों के साथ रिहा होने से पहले लगभग तीन साल जेल की सजा काटी थी।
- साल 2004 में वरिष्ठ अधिवक्ता के रूप में नामित।
- नवंबर 2008 में उत्तराखंड के उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नति।
- गौहाटी उच्च न्यायालय (असम, मिजोरम, नागालैंड और अरुणाचल प्रदेश हाईकोर्ट) के मुख्य न्यायाधीश 10 जनवरी, 2021 को बने।
फिल्म डायरेक्टर हैं छोटे भाई तिग्मांशू धूलिया
जस्टिस धूलिया के पिता न्यायमूर्ति केशव चंद्र धूलिया इलाहाबाद उच्च न्यायालय में न्यायाधीश थे। जस्टिस धूलिया के दो भाई हैं। जस्टिस धूलिया के छोटे भाई तिग्मांशु धूलिया राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता फिल्म निर्देशक हैं। उनके बड़े भाई हिमांशु धूलिया एक सेवानिवृत्त नौसेना अधिकारी हैं। जस्टिस धूलिया का जन्म 10 अगस्त, 1960 को लैंसडाउन, पौड़ी गढ़वाल में हुआ था। उनकी प्रारंभिक शिक्षा देहरादून और इलाहाबाद में हुई, जिसके बाद वे सैनिक स्कूल, लखनऊ गए। उन्होंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से ग्रैजुएशन और कानून की डिग्री हासिल की। स्कूल और कॉलेज के दिनों में धूलिया बहस में बढ़-चढ़ कर भाग लेते थे। कानून की डिग्री लेने के बाद उत्तराखंड उच्च न्यायालय में उन्होंने पहले मुख्य स्थायी वकील और बाद में उत्तराखंड राज्य के अतिरिक्त महाधिवक्ता (Additional Solicitor General) के रूप में सेवाएं दीं।