*अवैध शराब का किया जाता है कारोबार, मिलावटी शराब की भी कई बार हो चुकी हैं शिकायतें*
*अवैध, ओवर रेटिंग, मिलावटी शराब पर प्रसाशन नहीं कर रहा कोई कारवाही, प्रसाशन बना मौन*
*पेड़ो के अवैध कटान से वन विभाग को हो रहा लाखो के राजस्व का नुकसान*
*यमकेश्वर*: देशभर में दीपावली का त्यौहार पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाया जाने वाला है.ऐसे में कई जगह मदिरा में ओवर रेटिंग के साथ ही मिलावट की शिकायते भी आम रहती है। लेकिन इन सब के बीच आपको एक ऐसे क्षेत्र से अवगत कराते हैं जहाँ यह सब बात आम हो चली हैं.
*क्या यमकेश्वर क्षेत्र में होता है मिलावटी शराब और पेड़ो के कटान का अवैध कारोबार?*
आज बात उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के पहाड़ के सबसे पास की विधानसभा की. बात यमकेश्वर की करते है जहाँ कहने के लिए तो आबकारी विभाग से शराब की कुछ दुकाने आवंटित हैं लेकिन वहीँ हमारे विश्वासपात्र सूत्रों का कहना है की यहाँ पर अधिकतर शराब के ठेके नियमो को ताक पर रखकर काम कर रहे हैं.
सबसे बड़ी बात की यमकेश्वर क्षेत्र के कांडाखाल में स्थित शराब और नीलकंठ के समीप मोहनचट्टी स्थित शराब की दुकाने अक्सर विवादों में रहती हैं.स्थानीय लोगो की माने तो एक और यह सभी लोग 30 से 40 रुपये ओवर रेटिंग करते हैं तो वहीँ ये लोग शराब की अन्य जगह भी क्षेत्र में तस्करी करते हैं.जो की मिलावट के साथ की जाती hai जिससे कई बार लोगो को दिक्कते भी हुई हैं.
ऐसे में कई लोगो का यह भी कहना है की उन्हें कई बार शराब की मिलावटी होने की जानकारी भी मिली लेकिन जब वह जनप्रतिनिधियों और अधिकारियो को इस बारे में बताते है तो वह इस पूरे मामले को टाल देते है.
कहना गलत नहीं होगा की यमकेश्वर में चाहे शराब का अवैध कारोबार हो, मिलावटी शराब हो, पैड़ो का अवैध कटान हो यह सब खुल्लेआम चल रहा है लेकिन इन पर लगाम लगाने वाला कोई नहीं है. ग्रामीणों का कहना है की सभी विभाग चाहे आबकारी हो या वन विभाग इन्हे यह लोग कुछ प्रदान करते है जिसके बदले इन सभी लोगो का कारोबार दिन दूनी रात चोगनी के हिसाब से फलता रहता है.
इन सभी चीजों को लेकर जब हमने विभाग के पौड़ी जिला आबकारी अधिकारी से बात की तो उनका कहना था की विभाग इसके प्रति गंभीर है और इसके लिए टीमों का गठन किया गया है साथ ही ऐसे कार्य करने वाले लोगो के खिलाफ और उनके शराब के ठेको को निरस्त करने की कारवाही की जाएगी.
अब देखने वाली बात यह होगी की ऐसे में एक और जहाँ त्योहार का पर्व नजदीक है तो क्या इनके अवैध कारोबार पर कोई लगाम लगेगी या यह सभी यूँ ही सरकार को चूना लगाते रहेंगे.