किसान आंदोलन में भाग लेने दिल्ली गए युवक की वाहन से कुचलकर मौत हो गई थी। अंतिम संस्कार से पहले शव तिरंगे में लपेटा गया। पुलिस ने राष्ट्रीय ध्वज के अपमान के मामले में थानाध्यक्ष ने मृतक के भाई और मां सहित तीन के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है।
सेहरामऊ थाना क्षेत्र के गांव बारीबूझिया निवासी बलजिंदर 23 जनवरी को दिल्ली आंदोलन में भाग लेने गया था। 24 जनवरी को वह लापता हो गया था। इसके एक सप्ताह बाद उसका शव मोर्चरी में रखा हुआ मिला था। युवक की मौत गाजीपुर बॉर्डर के पेपर मार्केट संगम कॉलोनी के पास वाहन से कुचलकर होना बताई जा रही है।
बुधवार को शव तिरंगे में लिपटा हुआ गांव लाया गया। इसकी वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुई। इसके बाद सेहरामऊ थानाध्यक्ष आशुतोष रघुवंशी ने मृतक के भाई गुरविंदर सिंह, मां जसवीर कौर व एक अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। थानाध्यक्ष आशुतोष रघुवंशी ने बताया कि राष्ट्रीय ध्वज के अपमान की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। मामले की जांच की जा रही है।
डीएम पुलकित खरे कहते हैं कि राजकीय सम्मान से अंतिम संस्कार के लिए ही तिरंगे को शव पर लपेटा जा सकता है। इसकी बाकायदा गाइडलाइन जारी है। इसका उल्लंघन होने के बाद ही इस मामले में सेहरामऊ उत्तरी थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई है। एडीजी जोन अविनाश चंद्र का कहना है कि राष्ट्रध्वज के अपमान के आरोप में थाने में बुधवार को मुकदमा दर्ज किया गया है। एसपी पीलीभीत को मामले में नियमानुसार कार्यवाही के निर्देश दिए हैं। बरेली के वरिष्ठ एडवोकेट अवधेश सक्सेना का कहना है कि राष्ट्रध्वज के अपमान के मामले में राष्ट्र गौरव अपमान निवारण अधिनियम 1971 के सेक्शन 2 अंतर्गत कार्रवाई की जा सकती है। एक्ट में तीन वर्ष का कारावास या जुर्माना दोनों से दंडित किया जा सकता है।
क्या कहता है नियम
राष्ट्र-गौरव अपमान-निवारण अधिनियम, 1971 की धारा 2 के अंतर्गत जो कोई किसी सार्वजनिक स्थान में या जनता को दृष्टिगोचर किसी अन्य स्थान में, भारतीय राष्ट्रीय ध्वज का अपमान करेगा, उसे तीन वर्ष तक के कारावास से या जुर्माने से दंडित किया जाएगा। मात्र उन लोगों का शव ही तिरंगे में लपेटा जा सकता है, जिनको राजकीय सम्मान दिया गया हो। राजकीय सम्मान के अंतर्गत अंतिम संस्कार करते वक्त उसका सारा इंतजाम राज्य सरकार के द्वारा किया जाता है।