देहरादून

*हिमालयन हॉस्पिटल में दिव्यांगजनों के लिए विशेष क्लिनिक का शुभारंभ।*

●कुलपति डॉ.विजय धस्माना ने किया औपचारिक उद्घाटन।●दिव्यागंजनों के सशक्कितकरण की दिशा में प्रयास- डॉ.विजय धस्माना।
डोईवाला/ देहरादून 03 दिसम्बर 2020 (हि. डिस्कवर)।

अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांग दिवस पर हिमालयन हॉस्पिटल जौलीग्रांट में लर्निंग डिसेबिलिटी क्लीनिक का विधिवत शुभारंभ किया गया है। स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ.विजय धस्माना ने क्लीनिक का उद्घाटन किया।

गुरुवार को हिमालयन हॉस्पिटल के बाल रोग विभाग में लर्निंग डिसेबिलिटी क्लीनिक का शुभारंभ किया गया। कुलपति डॉ. विजय धस्माना ने इसका औपचारिक उद्घाटन किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि ग्रामीण विकास संस्थान (आरडीआई) जो कि पहाड़ के दूर-दराज के लगभग 1200 गांव में काम कर रहा है। इस दौरान उन्होंने पाया कि वहां कई बच्चे ऐसे है जो कि किसी न किसी रूप में आंख की परेशानी, बोलने व सुनने में अक्षमता आदि शरीरिक परेशानी से जूझ रहे है। इन्हीं सभी परेशानियों के निदान के लिए हिमालयन हॉस्पिटल जौलीग्रांट के बाल रोग विभाग में एक नई ओपीडी की शुरूआत की गई है।
आरडीआई निदेशक बी. मैथिली ने कहा कि दिव्यांगजनों की समस्या का समाधान तभी हो सकता है जब इन्हें समाज की मुख्य धारा में लाने के लिए एक बहुआयामी कार्ययोजना तैयार नहीं की जाती। सप्ताह में प्रत्येक गुरुवार को सुबह 11 बजे से दोपहर एक बजे तक इसका समय तय किया गया है।
इस अवसर पर सीएमएस डॉ. एसएल जेठानी, प्रति कुलपति. डॉ. विजेन्द्र चैहान, डॉ. मुश्ताक अहमद, रजिस्ट्रार डॉ. विनीत मेहरोत्रा, डॉ. बीपी कालरा, डॉ. अनिल रावत, डॉ. राजीव बिजल्वाण, सतीश रूपानी आदि उपस्थित थे।
दिव्यागंजनों के सशक्कितकरण की दिशा में प्रयास।
एसआरएचयू के कुलपति डॉ.विजय धस्माना ने कहा कि दिव्यांजनों के के सशक्तिकरण की दिशा में लर्निंग डिसेबिलिटी क्लीनिक की शुरूआत एक शानदार प्रयास है। इसमें किसी भी प्रकार की शारीरिक दिव्यांगता से जूझ रहे बच्चों को एक ही जगह पर बाल रोग, ईएनटी, दृष्टि, मनोरोग, न्यूरोलॉजी विशेषज्ञ संयुक्त रूप से उनकी बीमारी का आंकलन करेंगे जिससे उन्हे उचित स्वास्थ्य सुविधा दी सकेगी।

 

इस अवसर पर ग्रामीण विकास संस्थान (आरडीआई) में वेबिनार का आयोजन किया गया। इसमें प्रति कुलपति डॉ.विजेंद्र चौहान, डॉ.हिमांशु दास, बिनोद गोस्वामी, आकाश सारस्वत, डॉ.संजॉय दास, सतीश रूपानी, डॉ. राजीव बिजल्वाण, नीलम पांडे आदि ने दिव्यांगजनों के सशक्कितकरण की दिशा में विशेषज्ञों ने अपने विचार साझा किए। गरिमा कपूर ने वेबिनार मॉडरेटर के रूप में सहयोग दिया।

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