देहरादून

रूको अभियान के तहत व्यापक प्रचार-प्रसार के खाद्य सुरक्षा आयुक्त, खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन, उत्तराखण्ड द्वारा दिये गये निर्देश

 

2019 से 2022 तक लगभग 13000 लीटर यूज्ड खाद्य तेल का संग्रह किया गया है।

देहरादून: आज सचिवालय में आयोजित समीक्षा बैठक में राधिका झा, खाद्य सुरक्षा खाद्य संरक्षा एवं औषध प्रशासन, उत्तराखण्ड द्वारा नोडल अधिकारी / प्रभारी उपायुक्त, रूको से अपेक्षा की गयी है कि प्रदेश में रूको अभियान को ज्यादा से ज्यादा प्रचारित किया जाये। इसके दुष्प्रभाव के प्रति आमजन को अधिक से अधिक जागरूक किये जाने हेतु समय-समय पर कार्यशाला आयोजित किये जाने के साथ ही प्रवर्तन कार्यो को गति प्रदान किये जाने के निर्देश दिये गये।

आयुक्त महोदय द्वारा बार-बार तेल को उपयोग में लाने से खाद्य जनित रोग एवं अन्य बिमारियों जैसे लिवर, हृदय रोग आदि का भी खतरा बना हुया है। साथ ही आयुक्त महोदया के द्वारा निर्देश दिये गये है खाद्य करोबार से जुडे रेस्टोरेन्ट, होटल संचालको, कैटरर्स, स्ट्रीट फूड विक्रेताओं को भी इसके नुकशान से अवगत कराये एवं जिला में खाद्य सुरक्षा अधिकारी समय-समय पर टी०पी०सी० मीटर द्वारा जॉच करते हुये दूषित तेल का नमूना संग्रहण कर जॉच हेतु भेजें।

नोडल अधिकारी / प्रभारी उपायुक्त के द्वारा अवगत कराया गया कि वर्ष 2021 में 3046 लीटर, वर्ष 2020 में 3840 लीटर, वर्ष 2019 में 2213 लीटर तथा वर्ष 2022 के माह जुलाई तक विभिन्न श्रेणी के खाद्य करोबारकर्ताओं से इस्तेमाल किये गये 3541 लीटर खाद्य तेल एग्रीगेटर के माध्यम से एकत्र कर भारतीय पट्रोलियम संस्थान को रिसाईकल कर बायो डीजल तैयार किये जाने हेतु उपलब्ध कराया गया। वर्तमान में देहरादून स्थित खाद्य तेल एग्रीगेटर एस०डी०सी० फाउन्डेशन द्वारा खाद्य करोबारकर्ताओं को धनराशि रू 25 प्रति लीटर की दर से आनलाईन भुगतान किया जा रहा है। साथ ही विभाग द्वारा पूर्व में ही चार धाम यात्रा मार्ग पर स्थित जनपदों के खाद्य सुरक्षा अधिकारियों को दूषित खाद्य तेल को चिन्हित किये जाने हेतु टी०पी०सी० मीटर उपलब्ध कराते हुये खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम के अन्तर्गत आवश्यक कार्यवाही किये जाने के भी निर्देश दिये गये है। राधिका झा, खाद्य सुरक्षा आयुक्त, खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन, उत्तराखण्ड द्वारा इस सम्बन्ध में प्रमुख पर्यटन स्थलों एवं चार धाम यात्रा मार्गो पर विद्यमान खाद्य करोबारकर्ताओं एवं आम जनमानस को बार-बार प्रयोग किये गये खाद्य तेल को फूड चैन से बाहर करने एवं इसके दुष्प्रभाव के बारे में जागरूग किये जाने पर बल दिये जाने हेतु वृहद आई०ई०सी० कैम्पन चलाये जाने के भी निर्देश दिये गये।

 

क्या है रुको अभियान

खाद्य सुरक्षा विभाग ने इस्तेमाल किए गए तेल के दोबारा उपयोग पर रोक व जागरूकता के लिए एक अभियान  री-यूज्ड ऑयल यानी रुको नाम से एक अभियान शुरू करेगी। इसके तहत खाद्य सामग्री बनाने व बेचने वाले दुकानों का निरीक्षण कर उन्हें खाद्य तेल के गलत तरीके से किए जा रहे उपयोग और उससे होने वाली बीमारियों की जानकारी दी जाएगी । साथ ही उन्हें तेल जांचने का तरीका बताने और बचे हुए तेल को फेंकने के नुकसान से बचाने की भी व्यवस्था की गई है।

इस्तेमाल किया तेल स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक 

नोडल अधिकारी / उपायुक्त- श्री गणेश कंडवाल का कहना है कि इस्तेमाल किए गए तेल में बनाए गए खाद्य पदार्थों का सेवन अल्जाइमर, एसिडिटी, पेट का कैंसर, गॉल ब्लैडर का कैंसर, हृदय संबंधी बीमारी और मोटापा का सबसे बड़ा कारण है। इस्तेमाल किए गए तेल के दोबारा उपयोग से सबसे ज्यादा हृदय को नुकसान पहुंचाता है। यह हृदय की धमनियों में जमकर उसका मार्ग अवरुद्ध करता है। जिससे हार्ट अटैक का खतरा तेजी से बढ़ता है। वहीं कोलेस्ट्रालॅ के रूप में अंगों में जमकर मोटापा जैसी समस्या देता है।

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