फिशिंग क्या है??
जिस प्रकार मछली पकडने के लिये कांटे में चारा लगाकर डाला जाता है और चारा खाने के लालच या धोखे में आकर मछली कांटे में फंस जाती है। उसी प्रकार फ़िशिंग भी हैकर्स द्वारा इन्टरनेट पर नकली वेबसाइट या ईमेल के माध्यम से इन्टरनेट यूजर्स के साथ की गयी धोखेबाजी को कहते हैं। जिसमें वह आपकी निजी जानकारी को धोखेबाजी के माध्यम से चुरा लेते हैं और उसका गलत उपयोग करते हैं।
क्या है फिशिंग हमला?
अपराधी फ़िशिंग के माध्यगम से आपको नकली ईमेल या संदेश भेजते हैं, जो किसी प्रतिष्ठित कम्पनी, आपकी बैंक, आपकी क्रेडिट कार्ड कम्पनी, ऑनलाइन शॉपिंग कम्पनी की तरह मिलते-जुलते होते हैं, अगर आप सतर्क नहीं हैं तो आप इनके झांसे में आ जाते हैं। इन नकली ईमेल या संदेश का उद्देश्य आपकी पर्सनल आइडेंटिफाइएबल इन्फ़ॉर्मेशन को चुराना है। पर्सनल आइडेंटिफाइएबल इन्फ़ॉर्मेशन के अन्तर्गत आपकी निजी जानकारियॉ आती है जैसे –
1. आपका नाम,
2. आपकी ईमेल यूजर आई0डी,
3. आपका पासवर्ड,
4. आपका मोबाइल नम्बर या फोन नम्बर,
5. आपका पता,
6. बैंक खाता नम्बर,
7. एटीएम कार्ड, डेबिट कार्ड तथा क्रेडिट कार्ड नम्बर,
8. एटीएम कार्ड, डेबिट कार्ड तथा क्रेडिट कार्ड आदि का वेलिडेशन कोड,
9. आपकी जन्मतिथि इत्यादि।
फिशिंग से बचाव हेतु सुझाव:-
• व्यक्तिगत या वित्तीय सूचना के लिए तत्काल अनुरोध करने वाले ई-मेल अथवा टेक्स्ट संदेशों के प्रति सावधान रहें। (वित्तीय संस्थाएं और क्रेडिट कार्ड कंपनियाँ मौजूदा ग्राहक की सूचना की पुष्टि करने के लिए सामान्यतः ई-मेल का प्रयोग नहीं करते हैं)। .
• यदि आप एक ऐसा ई-मेल प्राप्त करते हैं जो किसी बैंक से होने का दावा करता है और संदिग्ध सा प्रतीत होता है तो दिए गए किसी भी लिंक पर क्लिक न करें अथवा इसका उत्तर न दें। इसे डिलीट कर दें।
• आपको एक सुरक्षित साइट पर ले जाने का दावा करने वाले ई-मेल में दिए गए लिंक का प्रयोग न करें ।
• टेक्स्ट मेसेज के माध्यम से कभी भी व्यक्तिगत सूचना, खाता संख्या, पासवर्ड या अन्य कोई संवेदनशील सूचना न दें क्योंकि इसका कपटपूर्ण उपयोग हो सकता है।
• यदि आप कोई ऐसा टेक्स्ट संदेश प्राप्त करते हैं जिसमें आपको तत्काल सूचना उपलब्ध कराने, खाता सक्रिय करने अथवा एक फोन नंबर पर कॉल करके या एक वेबसाइट पर सूचना देकर अपनी पहचान सत्यापित करने के बारे में कहा गया हो तो कृपया सावधानी बरतें। ये संदेश आपके खाते की गोपनीय सूचना को हासिल करने और धोखाधड़ी करने के लिए धोखाबाजों द्वारा संचालित फिशिंग स्कैम का एक हिस्सा हो सकता है।
• वेबसाइट की एड्रेस लाइन को देखने की आदत डालें और यदि इसमें प्रदर्शित एड्रेस ई-मेल में दिए गए एड्रेस से कुछ अलग है तो इसे सत्यापित कर लें।
• एंटी-वाइरस सॉफ्टवेयर, स्पाइवेयर फिल्टर, ई-मेल फिल्टर और फायरवाल प्रोग्रामों को नियमित रूप से अपडेट करते रहें।
साभार -वर्चुअल पुलिस स्टेशन चमोली