कोटद्वार से राज शिवाली की रिपोर्ट
कोटद्वार। भाबर क्षेत्र की मालन और सुखरो नदी में कोटद्वार राजस्व विभाग (तहसील प्रशासन) और वन विभाग की शह पर खनन माफिया दिन-रात खुलेआम ट्रेक्टर ट्रालियों द्वारा रेत बजरी व पत्थरों का अवैध खनन कर रहे हैं। स्थिति यह है कि खनन माफिया सरेआम निर्धारित मापदंडों का उल्लघंन कर नदी के किनारे खोदकर अवैध खनन कर रहे हैं, जिसके चलते उन्होंने किनारे कई-कई फिट गहरे गड्ढे खोद दिए हैं। यही नहीं, खनन माफिया तहसील प्रशासन और वन विभाग की कोटद्वार रेंज के अधिकारी क्षेत्रीय विधायक एवं विधानसभा अध्यक्ष रितु खंडूड़ी व जिलाधिकारी आशीष चौहान के मालन व सुखरो नदी में अवैध खनन को रोकने के सख्त निर्देशों तथा आदेशों को भी ताक पर रखकर ठेंगा दिखा रहे हैं।
मजेदार बात यह है कि अवैध खनन को रोकने के लिए तैनात अधिकारी पौडी में गहरी नींद सोए हुए हैं। कभी कभार अपनी मौजूदगी दिखाने के लिए कोटद्वार आकर छापेमारी कर खाना पूर्ति कर लेते हैं। चर्चा है कि खनन माफियाओं के लिए सोना उगल रही मालन व सुखरो से की अधिकारी भी मालामाल हो रहे हैं, लेकिन मालन व सुखरो की तलहटी में बसे लोगों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है।हालांकि पुलिस प्रशासन द्वारा पिछले दो माह में सुखरो नदी में छापेमारी कर अवैध खनन से भरी लगभग दो दर्जन ट्रेक्टर ट्रालियों के चालान व सीज की गई,
लेकिन तहसील प्रशासन व वन विभाग की कोटद्वार रेंज के अधिकारी खनन माफियाओं के आगे बौने और घुटने टेक कर नतमस्तक बने हुए हैं। शायद तहसील प्रशासन और वन विभाग के अधिकारियों ने पिछली बरसात में आई भयानक बाढ़ और सुखरो पुल के ढहने से कोई सबक नहीं लिया और उसे अगली बरसात में आने वाली और उससे होने वाली त्रासदी का इन्तजार है।
राजेन्द्र शिवाली पत्रकार