दिल्ली – वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के पीडितों को समाज में आजकल जहाँ अलग ही दृष्टि से देखा जा रहा है तो वहीं दूसरी ओर दिल्ली के करावल नगर विधानसभा क्षेत्र दयालपुर के निवासी लाल सिंह रावत(लक्की) लोक नायक हास्पिटल दिल्ली में इस महामारी से संक्रमित व्यक्तियों की दिन रात निस्वार्थ भाव से मदद करके मानवता की मिसाल पेश कर रहे हैं, जबकि वह खुद कोरोना पाजिटिव पाये जाने के उपरांत यहाँ भर्ती हुए थे।
लाल सिंह रावत दिल्ली के करावल नगर विधानसभा क्षेत्र दयालपुर में अपने परिवार के साथ रहते हैं ,वह एक युवा सामाजिक कार्यकर्ता हैं लोकडाउन के समय जनता की सेवा और खान पान और राशन बाटते वक्त लाल सिंह रावत किसी व्यक्ति के संपर्क में आ गए थे। उनको लगा की उन्हे कारोना टेस्ट करना चाहिए। उनके परिवार के 8 सदस्य इस वायरस की चपेट में आ गए थे जिसमें उनके दो बच्चे, तीन साल और पांच साल भी शामिल थे । लाल सिंह रावत पर जैसे ही इस महामारी की पुष्टि हुई वह दिल्ली के लोक नायक हॉस्पिटल में एडमिट हो गए और हॉस्पिटल से फोन करके अपने परिवार का हौसला बढ़ाने के साथ साथ मार्गदर्शन भी करते रहे ।
जब उन्होंने देखा कि हॉस्पिटल में कोरोना महामारी से संक्रमित मरीजों की देखभाल ठीक तरह से नहीं हो पा रही है न चिकित्सक और न सहायक कर्मचारी कोई भी पास आने को राजी नहीं थे बाहर से किसी को भी अंदर या बाहर जाना सख्त मना था। बहुत से मरीज ऐसे भी थे जो ठीक से बोल भी नहीं पा रहे थे न ही चल पा रहे थे, उनका खाना, पानी, दवाई इत्यादि से किसी को कोई मतलब नहीं था, लाल सिंह रावत ने हॉस्पिटल की ये दुर्दशा देखीं तो वो स्वयं को रोक नहीं पाये और उसी दिन मन बना लिया कि जब तक मैं यहां हूँ इन सबकी देख रेख दिन रात करूंगा और किसी से भेद भाव नहीं करूंगा बल्कि सबकी सेवा और देखभाल करुंगा।
लाल सिह रावत ने दिखाया गजब का हौसला
ऐसी स्थिति में जहाँ लोग अपने जीवन की आस खो रहे थे वही लाल सिह रावत ने गजब का हौसला दिखाया एवं विपरीत परिस्थितियों के बावजूद संक्रमित हुए व्यक्तियों की मदद में लग गए। जहाँ आवश्यक पीपीई किट पहन कर भी कोविड-19 के वारियर्स के मन में भय बना हुआ था वहीं लाल सिंह रावत बिना आवश्यक उपकरणों के अपनी सेवाओं से सबका दिल जीत रहे थे और मरीजों की सेवा कर रहे थे । लाल सिंह रावत अपनी सेवा के दौरान कोरोना से संक्रमित मरीजों का मनोबल और हौसला भी बढ़ाते थे । उन्होंने अपने सेवा कार्यों से अस्पताल के सभी मरीजों और चिकित्सा कर्मियों का दिल जीत लिया। उनके इस कार्य की चिकित्सा कर्मियों ने भी बहुत सराहना की और उनके जज्बे को सलाम किया । लाल सिंह रावत ने अपने साहस, सेवा, समर्पण व कभी ना हार मानने वाले जज्बे का जिस तरह से कोरोना के खिलाफ लड़ाई लड़ी वह हम सब के लिए अनुकरणीय है।
राजनीतिक दल और प्रशासनिक अमले ने नही की कोई मदद
लाल सिंह रावत खुद बताते है कि जब वह कोरोना वायरस से संक्रमित हुए थे तब किसी भी राजनीतिक दल या प्रशासनिक अमले ने उनके और उनके परिवार की न ही कोई मदद की और न ही सुध ली । कुछ मित्रों और पड़ोसियों ने हमसे लगातार संपर्क बनाए रखा और आश्वासन दिया कि आपको कुछ भी मदद चाहिये तो हमें अवश्य बताना, इन्हीं लोगों की सहानुभूति से उन्होंने खुद को संभाला और अपने सेवा कार्यों में व्यस्त रहेद्य कहते हैं कि किसी के सुख में भले ही शामिल ना हो सको परंतु दुःख के समय शामिल होना ही असली मानवता है। हर आदमी एक सा नहीं होता है कुछ अच्छे तो कुछ बहुत अच्छे भी होते हैं।
प्लाज्मा दान कर बचाई दूसरों की जान
लाल सिंह रावत अपना प्लाज्मा दान कर दूसरों को बचाने आगे आये और ये वक्त देशभक्ति दिखाने का बढिया अवसर है। लाल सिंह रावत ने बताया की उन्होंने स्वयं व्हाट्सप्प ग्रुप्स और फेसबुक पर अपना सन्देश भेजा कि अगर किसी जरुरतमंद व्यक्ति को प्लाज्मा डोनेशन की आवश्यकता है तो मुझसे संपर्क करे। कोरोना मरीजों के लिए इस समय प्लाज्मा डोनेशन एक महादान है और एक सच्च्ची देश भक्ति है। लाल सिंह रावत ने बताया की उनके पास काफी फोन कॉल आये फिर उन्होंने मैक्स हॉस्पिटल साकेत में अपना प्लाज्मा डोनेट किया।