रुद्रप्रयाग– उत्तराखंड साशन ने आज 16 आईएसएस अधिकारियों के किये जिनमे से कइयों को अलग अलग जनपदों में तो कइयों को सचिवालय में अहम पदों पर नियुक्ति दी गई । लेकिन इन सब के बीच जो सबसे अहम बात है वो है डीएम रुद्रप्रयाग जिसकी जिमेददारी मंगेश घिल्डियाल बीते 3 सालों से बखूबी निभाते आ रहे थे लेकिन अब वे टिहरी जिले में अपनी सेवाएं देंगे । वही रुद्रप्रयाग की नई डीएम सुश्री वंदना संभालने जा रही है । ऐसे में आप सब के लिए रुद्रप्रयाग की नई डीएम वंदना के बारे में जानना भी बेहद जरूरी है ।
हरियाणा के एक छोटे से गाँव मे हुआ जन्म
वंदना का जन्म 4 अप्रैल 1989 को हरियाणा के नसरुल्लागढ़ गांव में हुआ था। वंदना का जन्म एक ऐसे घर में हुआ था जहां पर लड़कियों को अधिक पढ़ाने का चलन नहीं है। यहां लड़कियों की पढ़ाई तो बस नाम के लिए होती थी। हालांकि छठी क्लास के बाद वंदना मुरादाबाद के पास लड़कियों के एक गुरुकुल में पढऩे चली गई. जहा उन्होंने अपनी पढ़ाई की । यहाँ गुरुकुल में वे अपना हर कार्य खुद करती थी गुरुकुल से ही उन्होंने 10वी और 12 वी की पढ़ाई पूरी की और अपनी शिक्षा के दौरान ही उन्हें ये पता चल गया की उनकी मंजिल क्या है ।
बारहवीं तक गुरुकुल में पढ़ने के बाद वंदना ने घर पर रहकर ही लॉ की पढ़ाई की. कभी कॉलेज नहीं गई. परीक्षा देने के लिए भी पिताजी साथ लेकर जाते थे. गुरुकुल में सीखा हुआ अनुशासन एक साल तैयारी के दौरान काम आया. रोज तकरीबन 12-14 घंटे पढ़ाई करती रही ।
हिंदी माध्यम में पाया पहला स्थान
वंदना ने ऐसे परिवार में जन्म लेकर भी आईएएस की परीक्षा में एक अहम स्थान हासिल किया। वंदना ने भारतीय सिविल सेवा परीक्षा 2012 में आठवां स्थान प्राप्त किया उन्होंने हिंदी माध्यम से पहला स्थान प्राप्त किया यही कारण है कि जिस उम्र में लड़के-लड़कियों को घूमना, फिल्में देखना और फेसबुक इस्तेमाल करना अच्छा लगता है, उस उम्र में वंदना ने आईएएस बनकर एक मिसाल कायम किया है।
पिथौरागढ़ जिले में संभाल चुकी है अहम जिम्मेदारी
वह पिथौरागढ़ जिले में मुख्य विकास अधिकारी के पद पर तैनात रही और जिले की पहली महिला आईएएस अधिकारी बनी । जहा अपने कार्यशैली की बदौलत उन्होंने जिले में कई अहम कामो को अंजाम दिया और जिसके कारण पूरे जिले में हर कोई उनके काम की तारीफ करता है ।