देहरादून – डॉ विपुल कंडवाल वरिष्ठ सर्जन ( गैस्ट्रोलोजिस्ट) आरोग्यधाम ने बताया कि पेट में होने वाले घावों को अल्सर कहा जाता है। यह समस्या लोगों को बहुत ज्याद परेशान कर देती है। अगर गर्मी के दिनों में किसी को पेट में घाव हो जाएं तो ऐसी स्थिति में व्यक्ति को खाना और पानी पीना भी बहुत मुश्किल हो जाता है। पेट में अल्सर हमारे शरीर में बढ़े हुए अम्ल के कारण होता है, अगर हम ऐसी चीजों का सेवन करते हैं जो पेट में एसिड बनाती हैं या ज्यादा गर्म तासीर वाली होती हैं, तो अल्सर होने का खतरा हो सकता है। आइए जानते हैं किन लक्षणों से पहचान सकते हैं अल्सर की बीमारी को, क्या है बचाव और इसका इलाज.
जिस व्यक्ति को अल्सर की समस्या होती है वह कुछ भी खा या पी नहीं पाता है। कुछ भी खाते समय तेज जलन और चुभन महसूस होती है।
पेट में अल्सर और अधिक एसिड बनने से खट्टी डकारे आती हैं। घावों की वजह से पेट में तेज दर्द होता है। कमजोरी आने लगती है, कुछ भी खाने पर उल्टी हो जाती है। अल्सर से पीड़ित व्यक्ति पानी तक नहीं पी पाता है। चाहे ठोस हो या तरल कुछ भी खाते समय आहार नाल में तेज जलन और दर्द होती है।
डॉ कंडवाल बताते है कि अल्सर दो तरह का होता है, गैस्ट्रिक अल्सर, डुओडिनल अल्सर, दोनों अल्सर पेट के अलग-अलग हिस्सों में होते हैं। गैस्ट्रिक अल्सर में पेट में घाव बन जाते हैं, तो वहीं आंत में बनने वाले घावों को डुओडिनल अल्सर कहा जाता है। अल्सर की स्थिति में आहार नाल में भी घाव बन जाते हैं।
क्यों होता है अल्सर
ज्यादा गर्म तासीर वाली चीजों का लगातार अत्यधिक सेवन करने से अल्सर की समस्या हो सकती है तो वहीं ज्यादा एसिड बनाने वाली चीजों का डायट में शामिल होना भी पेट में घाव दे सकता है। कभी-कभी ज्यादा दवाईयां लेने से पेट में एसिड बनने लगता है, जिससे पेट या आंतों में घाव हो जाते हैं। कुछ बैक्टीरिया भी अल्सर होने का कारण बनते हैं। युवाओं में अल्सर होने का मुख्य कारण सिगरेट पीना, अत्यधिक मात्रा में शराब का सेवन करना होता है।
अल्सर से बचाव
डॉ विपुल कंडवाल का कहना है कि अल्सर से बचाव करने का सबसे अच्छा तरीका है कि अपने खाना-पान में बदलाव लाएं। ऐसी चीजों के ज्यादा सेवन से बचें जो पेट में एसिड बनाती हैं। ज्यादा गर्म तासीर की चीजों का लगातार सेवन न करें। सुपाच्य और संतुलित भोजन का सेवन करें क्योंकि ज्यादातर अल्सर होने का कारण हमारी डाइट ही होती है। अल्सर से बचाव करने का सबसे अच्छा तरीका है कि अपने खाना-पान में बदलाव लाएं। ऐसी चीजों के ज्यादा सेवन से बचें जो पेट में एसिड बनाती हैं। ज्यादा गर्म तासीर की चीजों का लगातार सेवन न करें। सुपाच्य और संतुलित भोजन का सेवन करें क्योंकि ज्यादातर अल्सर होने का कारण हमारी डाइट ही होती है।