देहरादून : महिला उत्तरजन द्वारा अन्तर्राष्ट्रीय बालिका दिवस, 11 अक्तूबर के अवसर पर जीजीआईसी अजबपुर में एक निबन्ध, भाषण तथा चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। लड़कियों के अधिकारों और उनके सामने आने वाली चुनौतियों को पहचानने के लिए संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 19 दिसम्बर 2011 को रिजोल्यूशन सं0 66/170 पारित कर 11 अक्टूबर को अन्तर्राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाने का निर्णय लिया था। तबसे दुनिया भर यह दिन मनाया जाता है। लेकिन विडंबना है कि इन महत्वपूर्ण विचारों, प्रयासों एवं कार्यक्रमों के संदेश महिला के सबसे पहले स्तर यानी ‘लड़की’ तक नहीं पहुँच रहे हैं। इस सबसे लड़की आज भी उतनी ही दूर है जितनी पहले कभी थी।
महिला सशक्तीकरण का विचार या सिद्धांत समाज में फैल तो रहा है लेकिन लड़कियों को उसकी वास्तविक और गहरी समझ नहीं हो रही। फलत: महिला में जिस सामाजिक चेतना और वैचारिक शक्ति के निर्माण या विकास की बात हम करते हैं उसके अपेक्षित परिणाम नहीं मिल रहे। लड़कियों में इस सामाजिक समझ और वैचारिक सामर्थ्य को विकसित किए बिना किसी सामाजिक बदलाव की कल्पना नहीं की जा सकती। इसलिए लड़कियाँ या छात्राएँ ‘महिलाओं’ के नाम पर होने वाली हर गतिविधि के केन्द्र में होनी चाहिए।
इसी विचार से महिला उत्तरजन ने स्कूली तथा उच्च शिक्षा की छात्राओं के लिए आधुनिक और समकालीन महिला विषयों पर निबन्ध, भाषण तथा चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन किया है। इसका उद्देश्य उनमें समकालीन दृष्टि, चेतना और समझ का विकास हो ।
महिला उत्तरजन की अध्यक्ष श्रीमती बिमला रावत ने अपने सम्बोधन में कहा कि आज की बेटियां कल की जिम्मेदार पीढ़ी हैं। उनमें जितना अधिक ज्ञान, सामर्थ्य, तथा सामाजिक और सैद्धंतिक समझ होगी वे उतनी ही बेहतर, सुन्दर और खुशहाल दुनिया रचेंगी।
उत्तरजन से सम्बद्ध लोकेश नवानी ने कहा कि दुनिया के आधे मनुष्य स्त्रियां हैं। दुनिया के हर आधे पर उनका हक है। वह आधा उन्हें अभी नहीं मिला। चाहे सामाजिक न्याय हो, सामाजिक भूमिका हो या दुनिया में भागीदारी। इस आधे को पाने के लिए उन्हें ज्ञान और वैचरिक सामर्थ्य से समर्थ होना होगा। उन्हें स्त्री होने की सही समझ को जानना होगा। स्त्री सशक्तीकरण का असली मायने यही हैं।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि प्रधानाचार्या, नर्मदा राणा, संयोजक बालिका सरोकार मंजू सक्सेना, प्रो. वीणा बाना, बीना कंडारी, कोषाध्यक्ष, कमला डिमरी, सचिव शैल बिष्ट, बिमला कठैत, सुशीला राजपूत, शोभा रतूडी
.अन्तर्राष्ट्रीय बालिका सरोकार दिवस पर ”महिला उत्तरजन’ देहरादून द्वारा आयोजित प्रतियोगिता कार्यक्रम के परिणाम