पूर्वोत्तर (Northeast) के लोगों की छोटी आंखों के स्टीरियोटाइप पर नागालैंड बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष और राज्य सरकार के मंत्री तेमजेन इमना अलॉन्ग (Temjen Imna Along) ने अपनी टिप्पणी पर सबका ध्यान खींचा है.
My brother @AlongImna is in full form https://t.co/5IvgpYEuts
— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) July 8, 2022
उन्होंने पूर्वोत्तर के लोगों की छोटी आंखों के स्टीरियोटाइप को संबोधित करते हुए उसके फायदे बताए हैं. जिसके तहत नागालैंड (Nagaland) के उच्च शिक्षा और आदिवास मामलों के मंत्री तेमजेन इमना अलॉन्ग ने कहा कि उनकी आंखे छोटी हैं, लेकिन उनकी दृष्टि स्पष्ट है. उनकी यह बातें वाला वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. जिसे असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्व सरमा ने भी रिट्वीट किया है.
वीडियो में नागालैंड के उच्च शिक्षा और आदिवासी मामलों के मंत्री तेमजेन इम्ना अलॉन्ग हंसते हुए यह बातें कहते हुए दिखाई दे रहे हैं. तो वहीं उनकी इन बातों पर सभा में बैठे लोगों की तरफ से तालियां बजाई जा रही हैं.
छोटी आंखों के बताएं फायदे, कार्यक्रम में सो भी जाते हैं
पूर्वोत्तर के लाेगों के आंखों की छोटी आंखों के स्टीरियोटाइप पर नागालैंड के उच्च शिक्षा और आदिवासी मामलों के मंत्री तेमजेन इम्ना अलॉन्ग हंसते हुए मंच से संबोधित करते हुए कहते हैं कि लोग कहते हैं कि पूर्वोत्तर के लोगों की आंखे छोटी होती हैं, इसे स्वीकार करते हुए वह कहते हैं कि हमारी आंख भी छोटी है, लेकिन देखने में वह बहुत अच्छी तरह से देख सकते हैं. उनकी इस बात पर कार्यक्रम में तालिया बजनी शुरू हो जाती है. इसके बाद वह आगे कहते हैं कि छोटी आंख हाेने से एक फायदा है कि आंखों के अंदर गंदगी कम जाती है और कभी-कभी जब कार्यक्रम जब कोई लंबा कार्यक्रम चल रहा होता है तो हम आसानी से सो सकते हैं. उनकी इस बात पर भी सभा में तालियां बजने लगती हैं.
सरमा ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा ‘मेरा भाई फुल फार्म में है’
नागालैंड के उच्च शिक्षा और आदिवासी मामलों के मंत्री तेमजेन इम्ना अलॉन्ग के साेशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो को असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्व सरमा ने रिट्वीट किया है. उन्हाेंने वीडियो रिट्वीट करते हुए पोस्ट करते हुए कहा कि’मेरे भाई @AlongImna फुल फॉर्म में हैं.’ वहीं उसका जवाब देते हुए लॉन्ग ने उन्हें धन्यवाद कहा है. असल में पूर्वोत्तर के लोगों की आंखें छोटी होती हैं, इसको लेकर कई बार उन्हें नस्लीय टिप्पणियों का भी सामना करना पड़ता है. हालांकि केंद्र सरकार इसको लेकर पूर्व में सख्त रूख अपना चुकी है.
न्यूज़ सोर्स