दिनांक 11 अक्टूबर 2023 को *अन्तर्राष्ट्रीय बालिका दिवस* के अवसर पर ” महिला उत्तरजन देहरादून ” राबाइका अजबपुरकलां, देहरादून में विद्यालयी शिक्षा और उच्च शिक्षा के छात्र/छात्राओं की निम्न प्रतियोगिता का आयोजन कर रहा है।
1. निबन्ध लेखन –
माध्यमिक के लिए विषय –
महिलाओं पर अपराध के कारण।
उच्च शिक्षा का विषय –
महिलाओं के प्रति आपराधिक भाव क्यों?
2. ड्राइंग/ पेटिंग –
विद्यालयी शिक्षा का विषय-
अपनी आदर्श महिला का चित्र/पेटिंग बनाइये।
उच्च शिक्षा के लिए विषय-
किसी विद्रोही महिला का चित्र/पेटिंग बनाइये।
3. भाषण प्रतियोगिता –
विद्यालयी शिक्षा के लिए विषय-
अच्छी दुनिया कैसी हो? अपनी कल्पना बताइये।
उच्च शिक्षा के लिए विषय –
संसद में महिला आरक्षण पर आपके विचार क्या हैं? बताइये।
प्रतियोगिता में निबन्ध लेखन और ड्राइंग/ पेटिंग में एक विद्यालय से दो दो छात्रा/छात्र भाग लेंगे। इसका समय 2 घंटे होंगे।
भाषण में एक विद्यालय से एक ही छात्रा/छात्र प्रतिभाग करेंगें। विचार मौलिक व स्वंय के होंगे। भाषण की अवधि 5 से 7 मिनट रहेगी।
कार्यक्रम का संचालन संयोजिका “बालिका सरोकार ” श्रीमती मंजू सक्सेना जी द्वारा होगा।
निबन्ध लेखन का पंजीकरण व अंकों का संकलन श्रीमती वीना कंडारी जी करेंगी।
ड्राइंग व पेटिंग का पंजीकरण व अंकों का संकलन श्रीमती सुशीला राजपूत जी द्वारा होगा।
भाषण प्रतियोगिता का पंजीकरण व अंकों का संकलन प्रोफेसर वीणा बाना जी द्वरा होगा।
बतौर मुख्य अतिथि विद्यालय की प्रधानाचार्या श्रीमती नर्मदा राणा जी होंगी। सभी अतिथियों का स्वागत संबोधन संयोजिका श्रीमती मंजू सक्सेना जी करेंगी।
इस अवसर अध्यक्षता श्रीमती बिमला रावत ,अतुलनीय सहयोगी श्रीमती शैल बिष्ट ( सचिव महिला उत्तरजन), कोषाध्यक्ष श्रीमती कमला डिमरी, श्रीमती प्रमिला भट्ट, श्रीमती ज्योत्स्ना कुकरेती, ऊषा रावत, बिमला कठैत, श्रीमती शान्ति बंगारी, श्रीमती पुष्प लता सिंह, श्रीमती कान्ता रौतेला, श्रीमती वन्दना ढौंडियाल व डॉ सरिता भट्ट सहयोग करेंगी।
कब हुई अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस मनाने की शुरुआत?
एक गैर सरकारी संगठन ने प्लान इंटरनेशनल प्रोजेक्ट के रूप में अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस मनाने की शुरुआत की। एनजीओ ने एक अभियान चलाया, जिसका नाम ‘क्योंकि मैं एक लड़की हूं।’ रखा गया। इस अभियान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फैलाने के लिए कनाडा सरकार से संपर्क किया गया।
कनाडा सरकार ने एक आम सभा में अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस मनाने का प्रस्ताव रखा। साल 2011 में 19 दिसंबर के दिन संयुक्त राष्ट्र ने इस प्रस्ताव को पारित कर दिया। इसके बाद संयुक्त राष्ट्र ने 11 अक्तूबर के दिन बालिका दिवस मनाने का फैसला लिया और 11 अक्तूबर 2012 को पहली बार अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस मनाया गया।
बालिका दिवस मनाने का उद्देश्य
इस खास दिन मनाने का मुख्य उद्देश्य नारी शक्ति को बढ़ावा देना। बालिकाओं के जीवन को विकसित करना और लोगों को महिलाओं की चुनौतियों के प्रति जागरूक करना है। इसके साथ ही महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना है, ताकि महिलाएं भी देश और समाज के विकास में योगदान दे सकें। उन्हें सम्मान और अधिकार दिलाने के लिए बालिका दिवस के मौके पर कई देशों में कार्यक्रमों का आयोजन होता है।
अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस 2022 की थीम
दुनियाभर के 50 से ज्यादा देशों में अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस मनाया जाता है। हर साल बालिका दिवस की एक खास थीम होती है।