पहाड़ी भोटिया कुत्ता की गिनती सबसे बुद्धिमान और ताकतवर नस्ल में होती है, जिनकी विशुद्ध प्रजाति उत्तराखंड के उच्च हिमालयी क्षेत्रों में पायी जाती है पर इनकी मिलीजुली प्रजाति निचले हिमालयी क्षेत्रों में भी देखी गयी है। बहुत सारे ऐसे गाँव है, जहाँ पर लगभग 3 हजार भेड़ बकरियों की सुरक्षा के लिए यह एक बेहतरीन विकल्प है, यह अधिकतर ठंडे इलाके में पाले जाते हैं। बच्चों पर ये कभी नाराज नहीं होता।*
*भोटिया या भोटी कुत्ते दरअसल तिब्बतन मस्टिफ की ही एक प्रजाति है। जो अधिकतर काले रंग के होते हैं। भारी जबड़ा, सुडोल बदन और शांत स्वभाव इनकी खास पहचान है। आम कुत्तों की तरह ये अनायास ही भौं-भौं भी नहीं करते बल्कि बड़ी सजगता से पहरेदारी करते हैं वफादार के साथ इनके बुद्धिमान और बलवान होने की अपनी खूबी इनको और भी खास बनाती है। ताकत की बात करें तो ये अकेले बाघ से भिड़ सकते हैं,तेंदुए और गुलदार तो इसके सामने कहीं टिक भी नहीं पाते बसर्ते इनके गले में कंटीला पट्टा लगा होना चाहिए।* bonus new member
घुम्मतू भोटिया लोगों के अलावा इस प्रजाति के कुत्तों को अब आम लोग भी अपने घर की रखवाली के लिये पालने लगे हैं कहा जाता है कि इनके लगभग 540 नस्लों के कुत्ते पूरे विश्व में हैं। इतनी सारी नस्ल के कुत्तों के बीच भोटिया नस्ल का कुत्ता बेहद खास होता है। जितना शांत, उतना ही खतरनाक। बच्चों से प्यार करने वाला और परिवार के दुश्मनों पर पैनी निगाह रखने वाला कहा जाता है ये भोटिया। गठीला बदन और रौबदार चेहरा देखकर आपको डर जरूर लगेगा। भोटिया की सबसे बड़ी खासियत है कि आम तौर पर 6-6 महीने बकरियां लेकर बुग्याल और उच्च हिमालयी क्षेत्रों में रहने वाले चरवाहों के पास ये कुत्ता होता है। आप यकीन नहीं करेंगे लेकिन वास्तव में भोटिया की कुछ खासियत होती हैं। बकरी पालने वाले ही अच्छे भोटिया कुत्ते की पहचान कर सकते हैं। slot88
कहते हैं जब भोटिया पैदा होकर थोड़ा सा बड़ा होता है तो उसे बकरियों के साथ जंगलों में छोड़ दिया जाता है। अब इसे आनुवांशिक लक्षण कहें या उसकी खूबी। भोटिया बकरी के बच्चों की सुरक्षा में लगा रहता है और मुश्किल पड़ने पर उन्हें अपने जबड़े में प्यार से उठाकर वापस मालिक के पास ले आता है। इसके अलावा भेड़ों के लिये इनका बनाया सुरक्षा चक्र अभे़द्य होता है। यूं न समझिए कि इन्हें बचपन से ये सब कुछ सिखाया जाता है। ये आनुवांशिक है और वास्तव में ये चमत्कार कहें या ये सब इनके जेहन में है। आप किसी भी भोटिया नस्ल के कुत्तों को भेड़ों के आस पास छोड़ दीजिए। वो खुद ही ऐसा त्रिकोणीय सुरक्षा चक्र बनाते हैं कि परिंदा भी भेड़ों के ऊपर पर नहीं मार सकता। किसी भी प्रकार के खतरे के दौरान ये बिना किसी पूर्व चेतावनी के हमला कर देते हैं। उत्तराखंड में कुछ कुछ जगहों या मेलों में इस नस्ल के कुत्ते खरीदे या बेचे जाते हैं। slot gacor