पौड़ी जिले के रिखणीखाल प्रखंड के सुदूरवर्ती गांवों में बाघ का आतंक बदस्तूर जारी रहने के कारण जनजीवन सामान्य नहीं हो पा रहा है। पहाड़ों में टाइगर नहीं होते हैं और लोग गुलदार को ही बाघ कहते हैं। ये गुलदार जहाँ तहा मौत बन कर घूम रहे हैं।
रिखणीखाल विकास खंड के ग्राम मरगाव पातल (सेरोगाढ)निवासी मनवर सिंह रावत उम्र 68 वर्ष पर नर-भक्षी बाघ ने अचानक घर के पास ही पीछे से हमला कर दिया। यह घटना विगत दिवस प्रात: 8:30 बजे की है। घायल व्यक्ति ने किसी तरह जान बचायी। जान बचाने में नजदीक पड़ीं बड़ी कुदाल काम आयी। घायल व्यक्ति ने कुदाल से ही दो चार चोट उल्टी तरफ से बाघ के सिर पर ठोकी,
वृद्ध ने हिम्मत नहीं हारी और उनका डटकर मुकाबला किया। वृद्ध ने शोर मचाते हुए कुदाल से बाघों पर कई प्रहार किए और उन्हें भागने पर मजबूर कर दिया। संघर्ष में वृद्ध बुरी तरह जख्मी हो गया लेकिन जान बच गई। सूचना मिलते ही डॉक्टर को लेकर वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और घायल का उपचार किया
रिखणीखाल ब्लाॅक के ग्राम पंचायत तोल्यूडांडा के सेरोगाड गांव के मरगांव तोक निवासी मनवर सिंह रावत (70) सुबह 7:30 बजे हाथ में कुदाल लेकर खेतों में धान की पौध में पानी लगाने जा रहे थे। इसी दौरान रास्ते में घात लगाए बैठे दो बाघों ने उन पर हमला कर दिया।खतरे को भांपते हुए उन्होंने हिम्मत जुटाई और शोर मचाते हुए बाघों पर कुदाल से हमला करना शुरू कर दिया।
इस दौरान बाघ ने उन पर कई बार हमले का प्रयास किया, लेकिन उन्होंने बार-बार कुदाल से वार कर बाघ के सभी हमले विफल कर दिए।इसके बाद एक बाघ नीचे झाड़ियों में भाग गया तो मनवर सिंह भी जान बचाने के लिए भागे। मगर एक बाघ ने उनका करीब 100 मीटर तक पीछा किया। इस बीच शोर सुनकर ग्रामीण घटनास्थल की ओर दौड़ पड़े।
इसके बाद दूसरा बाघ भी झाड़ियों की ओर भाग गया। बाघ के हमले में वृद्ध का पांव जख्मी हो गया।वहीं, पौड़ी के गडोली में बच्ची पर गुलदार के हमले के बाद क्षेत्र के स्कूल व आंगनबाड़ी केंद्रों में आगामी 10 जून तक अवकाश घोषित कर दिया गया है। डीएम डाॅ. आशीष चौहान ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं।हमले में घायल बच्ची के शरीर में सूजन बढ़ने पर परिजन उसे एम्स ऋषिकेश गए जहां उपचार के बाद उसे छुट्टी मिल गई है। गडोली गांव निवासी रविंद्र सिंह की दस वर्षीय बेटी आरुषी पर छह जून को गुलदार ने हमला किया था।