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पुलिस ने नही बरती लापरवाही,अपराधियों की जानकारी जुटाने के 5 घंटे के अंदर पुलिस ने किया था अपहरणकर्ताओं को गिरफ्तार* *अर्जुन सिंह भंडारी*

 

देहरादून-: सहसपुर के एक स्थानीय किराना व्यापारी के 4 वर्षीय पुत्र की अपहरण के बाद हत्या किए जाने के मामले में पुलिस टीम पर अपराधियों को पकड़ने में लापरवाही किये जाने के आरोप में एसएसपी द्वारा की गई जांच में सहसपुर पुलिस द्वारा अपहरण की सूचना के तुरंत बाद ही वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को घटना की सूचना देने की बात सामने आई है व अपराधियों की गिरफ्तारी को गठित टीम द्वारा दोनो अपहरणकर्ताओं की जानकारी जुटा 5 घंटे के अंदर दोनो को सहारनपुर के बेहट से गिरफ्तार करने में सफलता पाई थी।
ज्ञात हो कि 9 मार्च को थाना सहसपुर के शंकरपुर निवासी किराना व्यापारी पप्पू गुप्ता का चार वर्षीय पुत्र अभय गुप्ता शाम को घर के बाहर खेलता हुआ अचानक गायब हो गया था व अपहरणकर्ताओं द्वारा अभय के घरवालों से 10 लाख रुपये की मांग की गई थी।जिसके बाद परिजनों द्वारा थाना सहसपुर को घटना की सूचना देने के बाद वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक द्वारा अपहरणकर्ताओं की गिरफ्तारी को 5 पुलिस टीम गठित की थी जिसपर पुलिस टीम द्वारा 10 मार्च को दोनो अपहरणकर्ताओं को सहारनपुर के बेहट से गिरफ्तार किया था जहां दोनो अभियुक्तों द्वारा अभय की हत्या कर उसकी लाश देवबंद के पास नहर में फेकने की बात कबूली गयी थी। घटना में बच्चे की हत्या किए जाने के बाद इस प्रकरण में पुलिस द्वारा लापरवाही की बात सामने आई थी जिसपर पुलिस उपमहानिरक्षक नीरू गर्ग द्वारा एसएसपी देहरादून को इस मामले में पुलिस की हर एक भूमिका को जांचते हुए मामले की जांच के आदेश दिए थे। जिसपर सम्पूर्ण घटना में एसएसपी द्वारा मिनट टू मिनट जांच कर अपनी रिपोर्ट पुलिस उपमहानिरीक्षक को सौंपी गई।जिसमे एसएसपी द्वारा इस घटना में पुलिस द्वारा किसी भी प्रकार की लापरवाही नही बरतने की बात सामने आई है। जबकि पुलिस टीम द्वारा जहां 3 घंटे के अंदर अपहरण में लिप्त अभियुक्तों का सुराग लगा लिया गया था वहीं अभियुक्तों की पहचान के 5 घंटे के अंदर पुलिस टीम द्वारा अभियुक्तों को सहारनपुर के बेहट से गिरफ्तार किया गया यानी बिना कोई देरी किये पुलिस द्वारा कुल 8 घंटे में अपराधियों को गिरफ्तार करने मव सफलता पाई।

एसएसपी द्वारा जांच के अनुसार 9 मार्च को अभय के अपहरण के पश्चात थाना सहसपुर को शाम 7:55 पर अन्य माध्यम से अभय के अपहरण की सूचना प्राप्त हुई जिसपर तत्काल कार्यवाही करते हुए पुलिस द्वारा घटनास्थल पर पहुंचा गया एवं इस घटना के सम्बन्ध में थानाध्यक्ष सहसपुर द्वारा उच्चाधिकारियों को सूचित किया गया। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून द्वारा तत्काल अपहृत को सकुशल बरामद कराने एवं घटना के अनावरण हेतु पुलिस अधीक्षक ग्रामीण के नेतृत्व में 05 टीमों का गठन किया गया था। स्थानीय पुलिस द्वारा तत्काल घटनास्थल पर पहुँचकर प्रारम्भिक पूछताछ, बालक के हुलिये की जानकारी प्राप्त कर सम्पूर्ण जनपद सरहदी जनपद में अपहरण की सूचना देते हुये चैकिंग प्रारम्भ की गयी एवं विभिन्न व्हाट्सअप ग्रुपों में से बालक का फोटो प्रसारित किया गया।

प्रथम टीम एस0एच0ओ0 विकासनगर के नेतृत्व में जनपद के अन्तरजनपदीय बैरियरों पर चैकिंग शुरु करायी गयी, द्वितीय टीम थानाध्यक्ष सहसपुर के नेतृत्व में स्थानीय स्तर पर पूछताछ एवं सी0सी0टी0वी0 फुटेज खंगाले गये, तृतीय टीम थानाध्यक्ष कालसी के नेतृत्व में धमकी देने वाले अज्ञात कालर की जानकारी एस0ओ0जी0 से प्राप्त कर जुड्डो लखवाड क्षेत्र में कालर की तलाश हेतु लगायी गयी । जिस नम्बर से धमकी प्राप्त हो रही थी वह नम्बर जयपाल सिंह पुत्र दीवान सिंह निवासी लखवाड़ क्षेत्र के नाम से आ रहा था, जो कि थाना कालसी से 18 किमी0 की दूरी पर पहाडी क्षेत्र में स्थित था । इस टीम द्वारा जयपाल सिंह के घर जाकर पूछताछ पर उसने 28 जनवरी 2021 को दो अज्ञात लोगों द्वारा उसका फोन काल करने के बहाने मांगकर मोबाईल फोन को लेकर भाग जाने की बात कही, चौथी टीम थानाध्यक्ष सेलाकुई के नेतृत्व में स्थानीय अपराधियों की छानबीन व उनकी गतिविधियों की जानकारी में लगाया गया था, पाँचवी टीम एस0ओ0जी0 प्रभारी के नेतृत्व में छापेमारी एवं टैक्निकल हैल्प के लिये सक्रिय की गयी थी ।
सीसीटीवी फुटेज की छानबीन से रात्रि करीब 10:45 पर घटना में संलिप्त अभियुक्त अनीस सलमानी पुत्र अख्तर की संदिग्धता प्रकाश में आने पर उसके मोबाईल फोन की जानकारी की गयी तो वह बन्द पाया गया । जिसकी अन्तिम कालर की लोकेशन एवं अभियुक्त की लोकेशन घटनास्थल के आस-पास ही आने के कारण अन्तिम कालर मौ0 अनीस पुत्र अली हसन निवासी पूरुवाला पोण्टा साहिब हिमाचल प्रदेश पर भी पुलिस टीम को घटना में संलिप्त होने का शक हुआ। उक्त दोनों के मोबाईल नम्बर प्राप्त किये गये तो दोनों को मोबाईल स्विच आफ आये । जिस पर एक टीम अनीस सलमानी की धरपकड एवं सुरागरसी हेतु पोण्टा साहिब गयी, जहाँ से ज्ञात हुआ कि अनीस जायलो कार नम्बर HR 51 AF 4143 लेकर आया था, जहाँ से वह अपनी पत्नी से एक हजार रुपये लेकर कार सहित चला गया। जब इस घटना में यह पुख्ता हो गया कि उपरोक्त दोनों अभियुक्तगण जायलो कार के साथ गायब है तो जायलो कार की तलाश सीसीटीवी फुटेज से की गयी तो जायलो कार समय रात्रि 12.43 बजे करीब यमुनानगर रोड पर जाती दिखायी दी।

जिस पर एक टीम सम्भावित मार्ग हथिनीकुण्ड बैराज एवं एक टीम मिर्जापुर बेहट हेतु रवाना की गयी । अगले दिन 10 मार्च को प्रातः 04.00 बजे करीब मौ0 अनीस की मोबाईल लोकेशन सहारनपुर बेहट में मिली। जिस पर सभी पुलिस टीम को जानकारी देकर सहारनपुर बेहट में चैकिंग करने हेतु सक्रिय किया गया । समय 04.50 बजे प्रातः उक्त दोनों अभियुक्त मय जायलो कार के गिरफ्तार कर लिये गये । पूछताछ में अभियुक्तो ने बताया कि उनके द्वारा बच्चे को मेला दिखाने का लालच देकर पोण्टा साहिब की तरफ ले गये व चोरी गये मोबाईल फोन से अपहृत बालक के पिता को 10 लाख रुपये देने की धमकी दी गयी । उनके द्वारा बताया गया कि जब वे बच्चे को लेकर देवबन्द सहारनपुर जा रहे थे तो बच्चे द्वारा काफी परेशान व रोना पीटना किये जाने के कारण उनके द्वारा बच्चे को मारकर एक प्लास्टिक के थैले में बन्द कर देवबन्द के पास नहर में फैंक दिया था। उपरोक्त दोनों अभियुक्तों की निशादेही पर अपहृत बच्चे अभय का शव प्राप्त किया गया व आवश्यक कानूनी कार्यवाही की गयी ।

सम्पूर्ण जाँच में पुलिस द्वारा काफी तत्परता से एवं लगातार सक्रिय रहकर इस जघन्य घटना का अनावरण मात्र 08 घण्टे के अन्दर किया गया है, इसमें स्थानीय पुलिस की किसी प्रकार की लापरवाही देखने को नही मिली है । जांच में यह भी सामने आया है कि अपहृतकर्ताओं द्वारा मात्र दो बार ही शाम 7:32 एवं 7:33 पर फिरौती हेतु पीड़ित परिवार को 10 लाख की फिरौती व धमकी के लिए कॉल की गई थी जिसके बाद उन्होंने फोन स्विच ऑफ कर दिए थे।

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