उत्तराखंड का शुद्धिकरण किया जाना जरूरी : यति स्वरूपानंद एवं परमात्मानंद
यमकेश्वर 05 अगस्त (ukk)। प्रखर हिन्दुत्वनिष्ठ संत यति राम स्वरूपानंद सरस्वती तथा यति परमात्मानंद सरस्वती ने गुरूवार को कहा कि उत्तराखंड को देवभूमि कहा जाता है। यहां देश की दो सबसे पवित्र नदियों गंगा और जमुना का उद्गम स्थल है। साथ ही यहां चार धाम हैं। देश-दुनिया से लाखों करोड़ों लोग प्रतिवर्ष यहां आते हैं। ऐसे में जरूरी है कि इस प्रदेश की शुचिता और पवित्रता की रक्षा की जाए। दोनों संतों का कहना था कि पिछले कुछ सालों में देवभूमि की पवित्रता को भंग किया गया है। ऐसे में संत शुद्धिकरण अभियान चलाएंगे। साथ ही मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर गुहार लगाएंगे कि वे इस प्रदेश की पवित्रता को बनाएं रखने के लिए कठोर कदम उठाएं।
यम्केश्वर पौड़ी गढ़वाल उत्तराखंड प्रदेश
*देवभूमि उत्तराखंड शुद्धीकरण अभियान* आज सिद्धपीठ यम्केश्वर महादेव मंदिर में सनातनी हिंदुओं के द्वारा पत्रों में हस्ताक्षर हुआ हमारे इस अंतिम प्रयास में हमारा सहयोग करें हमें उत्तराखंड के प्रत्येक जिले , गांव, नगर और शहरों में जाकर सनातनी हिंदुओं से पत्र में हस्ताक्षर करवा कर प्रथम चरण में 11,000 पत्र माननीय मुख्यमंत्री जी उत्तराखंड सरकार को स्पीड पोस्ट करना है ।
इस अभियान को सफल करने के लिए आपकी छोटी सी धनराशि के दान करने से ही यह शुद्धिकरण अभियान सफल हो पाएगा।
यति रामस्वरुपानन्द सरस्वती महाराज शिष्य यति नरसिंहानंद गिरी महाराज जी पंचदशनाम जूना अखाड़ा महामंडलेश्वर
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