प्रथम पंडित भैरव दत्त धूलिया पत्रकार पुरस्कार 2023′ का राजधानी देहरादून में हुआ आयोजन, पद्मश्री चंडीप्रसाद भट्ट, सुमित्रा धूलिया, डा. शेखर पाठक व् प्रेस क्लब इंडिया के अध्यक्ष उमाकांत लखेड़ा की उपस्थिति में “पंडित भैरव दत्त धूलिया पत्रकार पुरस्कार 2023” वरिष्ठ पत्रकार जय सिंह रावत को दिया गया। ‘Pandit Bhairav Dutt Dhulia Journalist Award 2023’
पुरस्कार पाकर जय सिंह रावत ने कार्यक्रम में मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए कहा की पदम श्री चंडी प्रसाद भट्ट उनके आदर्श रहें हैं, उनके द्वारा पंडित भैरव दत्त धूलिया पत्रकार पुरस्कार मिलना उनके लिए गौरव की बात है वह इसे पाकर अभिभूत है, उन्होंने मंच से अपने जीवन के अनुभव भी साझा किए साथ ही पुरस्कार चयन समिति का आभार भी जताया।
इस दौरान कई वरिष्ठ समाजसेवियों व् वरिष्ठ पत्रकारों ने देश की वर्तमान परिस्थितियों पर भी चिंतन किया, सभी ने एक मत होते हुए कहा की आज प्रेस की आजादी पर अंकुश लगाने का काम किया जा रहा है, साथ ही वर्तमान सरकारों द्वारा जनता के मूल मुद्दों से ध्यान भटकाने हेतु देशभर में अब प्रोपोगेंडा फिल्मों का निर्माण शुरू कर दिया गया है, ना देश में रोजगार की बात हो रही है ना महंगाई की बात की जा रही है, नाही आमजनमानस के आर्थिक विकास पर चिंतन किया जा रहा है, सत्ता पक्ष की और से देश को चलाने वाली मूल संस्थाओं पर राजनीतिक हमले किए जा रहें हैं, चिंतनकारों ने इसे संविधान पर खतरा बताया। साथ ही कहा की आज जरूरत है कलम के सिपाहियों को एकजुट होते हुए अपने जमीर को जगाने की ताकि आम जन की पत्रकारिता को जीवित रखा जा सके,
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए चिंतन कारों के द्वारा यह भी कहा गया कि पत्रकार इंफॉर्मेशन प्रोवाइडर होता है ना की किसी प्रोपेगेंडा को जन्म देने वाला परंतु आज की पत्रकारिता में कुछ कथित पत्रकार सिर्फ प्रोपोगेंडा स्थापित करने का काम कर रहे हैं।
इस पुरस्कार समारोह का आयोजन ‘कर्मभूमि फाउंडेशन’ के द्वारा करवाया गया था, यहां पाठकों को बता दें कि कर्मभूमि पंडित भैरव दत्त धूलिया जी द्वारा शुरू किया गया वो अखबार है जो आजादी से पूर्व में उत्तराखंड के पहाड़ों में खबरें पहुंचाने का काम करता था और जनहित के मुद्दों को सर्वोपरि रखते हुए जनहित की आवाज बुलंद करता था, यह अखबार उत्तराखंड का सबसे पुराना अखबार रहा है।
इस कार्यकर्म में पान सिंह तोमर फिल्म के निर्देशक तिग्मांशु धूलिया सहित भारी संख्या में गणमान्य नागरिक, साहित्यकार, जनकवि, पत्रकार व् विभिन्न सामाजिक क्षेत्रों से जुड़े हुए लोगों ने प्रतिभाग किया।