प्राचीन चिकित्सा पद्धति बोन धर्म या पौन धर्म की अलौकिक विधियां एवं मंत्र शक्ति के ज्ञान से अनूठी चिकित्सा दे रहे है सुनील दत्त कोठारी
हिमालय की प्रसिद्ध परंपरागत विधा बोन धर्म या पौन धर्म मंत्रशक्ति द्वारा रोग एवं दुख को खत्म करने की विधि का प्रतिपादन एवं जनक सुनील दत्त कोठारी
द्वारीखाल :- *वर्ष २०१६ से उत्तराखंड की ग्रामीण भूमि चेलूसैन ब्लॉक द्वारीखाल जिला पौड़ी गढ़वाल के ग्रामीण भूमि पर रहकर अनेक प्रकार के वंश परंपरागत ज्ञान का आधार लेकर अपनी पित्र पूर्वजों की सेवा का भार एवं जन सामान्य को रोगनिदान एवं उत्पादन के द्वारा सेवा का जज्बा रखते हैं, कुछ ऐसी बोन धर्म या पौन धर्म की अलौकिक विधियां एवं ज्ञान जो उत्तराखंड हिमालय के कुछ लोगों के पास ही उपलब्ध रहा है, जो की लगभग १८०० प्राचीनतम ज्ञान एवं क्रियाएं जिस के द्वारा दूर बैठे व्यक्ति को भी चिकित्सा दी जा सकती है ऐसे ही अनूठी शख्सियत हैं! सुनील दत्त कोठारी जी, वंश परंपरागत जो की आधारभूत क्रियाएं ज्ञान के द्वारा रोग निदान के कार्य के लिए हर्बल उत्पादन तैयार करना हो, जिसमें आज के आधुनिक आयुर्वेद का सार भी है। या फिर हीलिंग, ज्योतिष एवं कर्मकांड के द्वारा कार्य कर लोगों के लिए सुविधा उत्पन्न करना हो या फिर योग विद्या द्वारा शरीर को निरोग बनाने की क्रिया हो। कोठारी जी बताते हैं, कि मंत्र शक्ति बोन धर्म या पौन धर्म की सहायता से रोग निवारण तथा जीवन में कष्ट को दो प्रकार से दूर किया जा सकता है: प्रथम अवस्था में व्यक्ति स्वयं उपस्थित रहेगा और दूसरी अवस्था में दृष्टि से दूर रहकर भी यह प्रक्रिया की जा सकती है, कोठारी जी ने मंत्र जाप क्रिया के द्वारा अनेक लोगों की जीवन में चमत्कारिक परिवर्तन करके उनका जीवन का मार्ग प्रस्तुत किया है। यह कोई नई प्रक्रिया नहीं है,हमारे बोन धर्म या पौन धर्म इस विधा को अच्छी तरह से जानते थे, जो की शिव और शक्ति के आधारित मंत्र चिकित्सा है, एक लंबे समय तक इसको एक दूसरे के लिए उपयोग किया जाता रहा है। आधुनिक काल में इस विषय वस्तु को प्रस्तुत करने का श्रेय कोठारी जी को जाता है।
आज का आधुनिक मानव के जीवन में भटकाव की स्थिति अत्यधिक मात्रा में पाई जाती है, यह प्रक्रिया एक मनुष्य दूसरे मनुष्य के लिए विकट स्थितियां प्रस्तुत करता रहता है, ना वह स्वयं खुश रहता है ना अपने साथ वालों को खुश रहने देता है। इस प्रकार की विकट स्थितियों में दोनों व्यक्ति विशेष का जीवन नष्ट होता रहता है, चाहे वह एक दूसरे से आगे बढ़ाने की भावना, जलन एवं परस्पर द्वेष हो, ऐसी ही विभिन्न प्रकार की स्थितियां परिवार एवं समाज में घटित होती रहती हैं। आप समाज में उत्कृष्ट योगदान देना चाहते हैं तो कोठारी जी के द्वारा ग्रह_दोष निवारण जपविधि द्वारा घर बैठे निवारण वंश परंपरागत ज्ञान के द्वारा करवा सकते हैं, यह सीधा सीधा नकारात्मक ऊर्जा को सकारात्मक ऊर्जा में परिवर्तन करने का विधान एवं मंत्रात्मक साधना के द्वारा ऐसा संभव हो पाता है।प्रत्येक व्यक्ति को जीवन जीने का अधिकार एवं प्रसन्न एवं धन सुख प्राप्तियां का अधिकार होता है, अतः कोई भी व्यक्ति निराश ना हो???
भाग्य और दुर्भाग्य की श्रेणियों को दूर रखते हुए आप इसका निदान हम से प्राप्त कर सकते हैं।