पर्यावरण प्रेमी शिक्षक दिनेश चंद्र कुकरेती की मुहिम ला रही है रंग, गिद्ध बचाओ अभियान में जुड़े सेकड़ो ग्रामीण,
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दिनांक 04 सितम्बर 2023 को नावेतल्ली ग्राम सभा विः ख० रिखणीखाल पौड़ी गढ़वाल में गिद्ध बचाव हेतु एक गोष्टी का आयोजन किया गया। जिसका मुख्य उददेश्य गिद्ध बचाने में सभी ग्रामिणों को जोड़ना है। गोवठी अपराहन 2 बजे से 5 बजे सायं आयोजित हुआ जिसमें गांव के सभी पुरुष, महिला व बच्चों ने भागिदारी निभाई
2010 से गिद्ध बचाने में प्रयासरत रा.इ.का. द्वारी (पैनो) के शिक्षक श्री दिनेश चन्द्र कुकरेती जो गांव गांव जाकर पक्षी बचाव हेतू ग्रामिणों को जागरूक करते है, गिद्धों की घटती संख्या पर चिंता जताई श्री दिनेश चन्द्र कुकरेती के अनुसार 1985 से 1991 तक १० प्रतिशत गिद्ध समाप्त हुये, जो कीटनाशक से मरे, और 1991 से 2023 तक गिद्ध भोजन की कमी व कीटनाशक के कारण मरे। पहले इनके सैकड़ो स्थाई अडडे थे, जो घटकर 15-16 रह गये है। इनकी संख्या उत्तराखण्ड में 500 के आस-पास है, जिनमें 10 में से 3 या 4 प्रजातिया बची है,
शिक्षक के अनुसार गिद्ध बचाने हेतु हमें निम्न कार्य करने होगे गिद्धों के मार्ग को सुरक्षित करना इनके लिये भोजन उपलब्ध कराना कीटनाशक का प्रयोग पूर्णतय बन्द इनके अड्डों को पुर्न जीवित करके आग व मानव से सुरक्षित करना वर्षभर इनपर नजर रखना
ग्राम- नावेतल्ली के पक्षी जानकार श्री अवतार सिंह रावत ने पहाड़ी पर गिद्धों की जानकारी उनके अनुसार पहले इसमें 100 से अधिक पांच या छ प्रकार के गिद्ध रहते थे। जिसमें सोली गिद्ध व हड्डी खाने वाले गिद्ध प्रमुख थे। लेकिन अब 20-25 शेष रह गये है, जिनके संरक्षण का कार्य शिक्षक कर रहे है, पूर्व प्रधान श्री बालम सिंह रावत ने गिद्धों की संस्क संख्या में वृद्धि हुई श्री चन्द्रमोहन रावत के अनुसार गिद्धों को आज भोजन की तलाश में लम्बी दूरी तय करना पड़ता है।
श्री दानसिंह संवत् पटवाल के अनुसार 1990 के आस-पास ग्रामिणो द्वारा कोटनाशक का प्रयोग अधिक मात्रा में किया गया कई बच्चों ने गिद्ध के रंग रूम भोजन के बारे में जानकारी दी इस अवसर पर पीताम्बर सिंह रावत, श्री बलवन्त सिंह, थानसिंह, भोपाल सिंह, केशर सिंह महिला शक्ति, दर्शनी देवी, आनन्दी देवी, हीरा देवी बीरा देवी बनोत्री देवी, चन्दा देवी, दिक्का देवी, भुरजी, देवी, शांती, माधुरी साधनो गायक देवी साहेत बहुत से ग्रामिण व बच्चे उपस्थित थे!