चंपावत के लापता हुए एसडीएम सदर अनिल चन्याल मामले में बड़ी अपडेट आई है। उनका पता चल गया है। इसके बाद प्रशासन ने राहत की सांस ली है।
डीएम चंपावत नरेंद्र सिंह भंडारी के अनुसार लापता एसडीएम अनिल चन्याल का फोन कॉल आया था। जिस पर उन्होंने अपने स्वास्थ्य कारण का हवाला देते हुए कहा कि वे परेशान चल रहे थे, इसलिए वे यहां से आकस्मिक चले गए थे। वे जल्द वापस लौट जाएंगे।
इस मामले में एसपी देवेंद्र पिंचा की भी एसडीएम चन्याल से फोन पर बात हुई है। जिस पर उन्होंने दो दिन में लौटने की बात कही। उन्होंने स्वास्थ्य अस्वस्थ होने की बात बताई।
बताया जा रहा है कि उनकी लोकेशन ट्रेस की गई तो वह हिमाचल प्रदेश के शिमला में मिल रही है।
बताते चलें कि दो दिन से लापता चल रहे थे। उन्होंने कार्यालय में एक पर्ची पर संदेश छोड़ा था कि उनका सरकारी फोन जमा करा दिया जाए। इसके बाद उनका कहीं पता नहीं चल रहा था। उनका कार्यालय और आवास भी बंद था। उनकी गुमशुदगी कराई गई है।
एसडीएम ने कुछ दिन पहले 15 दिन की छुट्टी के लिए आवेदन किया था, किंतु मानसून सीजन के चलते उनकी छुट्टी मंजूर नहीं हो पाई। अनिल चन्याल मूल रूप से पिथौरागढ़ जिले के गणाई गंगोली के ग्राम भिगड़ी के निवासी थे। वह चंपावत में अकेले रहते थे, जबकि उनका परिवार हल्द्वानी में रह रहा था।
दरअसल एसडीएम अनिल चन्याल सोमवार सुबह अपने कार्यालय में नहीं पहुंचे। इसके अलावा उनके आवास पर भी ताला लगा हुआ था। उनकी प्राइवेट और सरकारी गाड़ी भी वही पार्किंग में खड़ी थी।
बताया गया कि एसडीएम ने कलेक्ट्रेट में स्वच्छता से संबंधित एक रिपोर्ट जमा करनी थी। जब रिपोर्ट नहीं मिली तो जिलाधिकारी नरेंद्र सिंह भंडारी ने इसकी जानकारी ली। इस पर पाया गया कि एसडीएम के निजी और सरकारी मोबाइल नंबर बंद जा रहे हैं। इस पर एसडीएम कार्यालय और तहसील कर्मियों से पूछताछ की गई, लेकिन उनके बारे में पता
नहीं चल पाया।
बताया जा रहा है कि एसडीएम अनिल चन्याल से शनिवार 10 सितंबर से संपर्क नहीं हो पाया, वह सितंबर 2021 से चंपावत में तैनात थे।
पीआरडी जवान रमेश कुमार इस मामले में इतना ही बता पाया कि वह 10 सितंबर को दोपहर बाद अपने घर निकल गए थे और सोमवार सुबह जब वे आए तो एसडीएम आवास में ताला लटका हुआ था। इस पर उन्होंने अन्य कर्मियों को इसकी जानकारी दी।
एसडीएम अनिल चन्याल के अचानक गायब होने की सूचना मिलते ही उनकी तलाश के लिए प्रशासन और पुलिस की टीमें लगाई गई हैं। उन्हें ढूंढने के लिए तीन टीमें सर्च अभियान में जुटी है।
बहरहाल, प्रशासन को उनकी लोकेशन मिलने के बाद राहत की सांस ली है। अभी उनकी लोकेशन शेयर करने के लिए मना किया गया है। अब देखना यह होगा कि वह वापस कब तक लौटते हैं!