ऊखीमठ ! पर्वतराज हिमालय की गोद में बसे भगवान केदारनाथ, द्वितीय केदार भगवान मदमहेश्वर तथा तृतीय केदार भगवान तुंगनाथ के कपाट बन्द होने तथा चल विग्रह उत्सव डोलियों के धामों से शीतकालीन गद्दी स्थलों के लिए रवाना होने की तिथि आगामी 24 अक्टूबर को शीतकालीन गद्दी स्थलों में पंचाग गणना के अनुसार विद्वान आचार्यों व हक – हकूकधारियो की मौजूदगी में घोषित की जायेगी! जानकारी देते हुए मन्दिर समिति कार्यधिकारी आर सी तिवारी ने बताया कि द्वादश ज्योर्तिलिंगों में अग्रणी भगवान केदारनाथ के कपाट युगों से चली परम्परा के अनुसार प्रतिवर्ष भैय्या दूज पर्व पर शीतकाल के लिए बन्द होते हैं जो कि इस वर्ष आगामी 15 नवम्बर को है मगर भगवान केदारनाथ के कपाट बन्द होने का समय व लगन आगामी 24 अक्टूबर को शीतकालीन गद्दी स्थल ओकारेश्वर मन्दिर में पंचाग गणना के अनुसार घोषित की जायेगी! उन्होंने बताया कि द्वितीय केदार के नाम से विश्व विख्यात भगवान मदमहेश्वर के कपाट बन्द होने तथा चल विग्रह उत्सव डोली के धाम से शीतकालीन गद्दी स्थल ओकारेश्वर मन्दिर ऊखीमठ आगमन की तिथि आगामी 24 अक्टूबर को विजय दशमी पर्व पर पंचाग गणना के अनुसार शीतकालीन गद्दी स्थल ओकारेश्वर मन्दिर में घोषित की जायेगी! उन्होंने बताया कि तृतीय केदार भगवान तुंगनाथ के कपाट बन्द होने तथा चल विग्रह उत्सव डोली के कैलाश से शीतकालीन गद्दी स्थल मक्कूमठ आगमन की तिथि भी आगामी 24 अक्टूबर को शीतकालीन गद्दी स्थल मक्कूमठ में पंचाग गणना के अनुसार घोषित की जाएगी।
उत्तराखंड: पंचकेदारों में शामिल द्वितीय केदार मद्महेश्र्वर व तृतीय तुंगनाथ के कपाट बंद होने की तिथि विजयदशमी पर्व (Vijaya Dashami Festival) पर तय की जाएगी। कपाट बंद होने का समय व प्रस्थान की तिथि को लेकर बदरी-केदार मंदिर समिति (बीकेटीसी) ने तैयारियां जुटी है।
हर साल केदारनाथ धाम (Kedarnath Dham) समेत चारधाम (Char Dham) के कपाट खुलने व बंद होने की तिथि निश्चित करने की परंपरा है। ब्राह्मण एवं वेदपाठी पंचाग गणना के अनुसार ही तिथियां तय करते है। पौराणिक परंपराओं के अनुसार भगवान केदारनाथ (Kedarnath) के कपाट भैयादूज पर्व पर बंद होने की परम्परा हैं, लेकिन इसकी विधिवत घोषणा विजयदशमी पर्व (Vijaya Dashami Festival) पर होती है।
विजयदशमी (Vijaya Dashami) यानी 24 अक्टूबर को पंचगद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में केदारनाथ धाम एवं द्वितीय केदार की तिथि पंचाग गणना के अनुसार, मंदिर समिति की मौजूदगी में तय की जाएगी। जबकि तृतीय केदार की मार्केडेय मंदिर मक्कूमठ में ब्राह्मण, वेदपाठी एवं बदरी-केदार मंदिर समिति (बीकेटीसी) के अधिकारी व कर्मचारियों की मौजूदगी में तय की जाएगी। जिसमें कपाट बंद होने का समय, डोली के प्रस्थान का सयम तय किया जाएगा। तिथियां तय करने को लेकर मंदिर समिति की ओर से तैयारियां शुरू कर दी गई है।