सेवानिवृत्त शिक्षक रामकृष्ण बिजल्वाण का कहना है कि दो वर्ष पूर्व सेवानिवृत्ति होने के बाद उन्हें पेंशन नहीं दी जा रही। उनसे कहा गया कि वर्ष 2006 से उनका गलत वेतन निर्धारण हुआ है, पर सेवा में रहते हुए विभाग की ओर से जानकारी नहीं दी गई। विभाग में प्राथमिक सहायक से जूनियर सहायक के पद पर उनकी पदोन्नति हुई। आगे पढ़िये…
इस दौरान उन्होंने बताया कि इस पद पर रहते हुए जून 2020 में चयन वेतनमान एवं भत्ते दिए गए। यदि गलत वेतन निर्धारण से वसूली बनती थी तो विभाग को पदोन्नति और चयन वेतनमान पर आपत्ति करनी चाहिए थी, पर ऐसा नहीं किया। इधर उप शिक्षा अधिकारी नौगांव की ओर से उन्हें नौ लाख रुपये से अधिक की वसूली का नोटिस भेजा गया है। जिसके बाद यह मामला खूब चर्चा में है।