उत्तराखंड में एक मात्र पहला पेट-स्कैन, हिमालयन आयुर्विज्ञान संस्थान जौलीग्रांट में
-पैट-स्कैन सुविधायुक्त उत्तराखंड का पहला अस्पताल बनेगा हिमालयन आयुर्विज्ञान संस्थान जौलीग्रांट
-19 नवंबर से कैंसर रिसर्च इंस्टिट्यूट (सीआरआई) जौलीग्रांट में पेट-स्कैन जांच सुविधा शुरू
-रोगियों को पेट-स्कैन जांच के लिए नहीं जाना होगा उत्तराखंड से बाहर
डोईवाला- हिमालयन आयुर्विज्ञान संस्थान (हिमालनय इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज) के अधीन कैंसर रिसर्च इंस्टिट्यूट (सीआरआई) जौलीग्रांट उत्तराखंड का पहला व एकमात्र पेट-स्कैन (पीईटी-पॉजीट्रॉन इमीशन टोमोग्राफी) सुविधायुक्त अस्पताल बनने जा रहा है। कुलपति डॉ.विजय धस्माना ने बताया कि 19 नवंबर को इस सुविधा का औपचारिक उद्घाटन किया जाएगा। इसके बाद उत्तराखंड के मरीजों को पेट-स्कैन के लिए उत्तराखंड से बाहर नहीं जाना पड़ेगा।
कुलपति डॉ.विजय धस्माना ने कहा कि मरीजों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर की गुणवत्तापरक स्वास्थ्य सुविधा देने को हम प्रतिबद्ध हैं। मरीजों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए हिमालयन अस्पताल और कैंसर रिसर्च इंस्टिट्यूट (सीआरआई) में लगातार स्वास्थ्य सुविधाओं में इजाफा किया जा रहा है। इसी कड़ी में अब संस्थान के कैंसर रिसर्च इंस्टिट्यूट में पेट-स्कैन सुविधा शुरू करने जा रहे हैं।
Pet Scan : पेट-स्कैन के लिए मरीजों को नहीं जाना पड़ेगा दिल्ली, चंडीगढ़
कुलपति डॉ.विजय धस्माना ने कहा कि उत्तराखंड के रोगियों को वर्तमान में पेट-स्कैन की जांच के लिए मेरठ, दिल्ली या चंडीगढ़ जाना पड़ता था। 19 नवंबर के बाद अब उन्हें पेट-स्कैन की स्वास्थ्य जांच की सुविधा मेडिकल कॉलेज के कैंसर रिसर्च इंस्टिट्यूट जौलीग्रांट में ही मिलनी शुरू हो जाएगी। यह सुविधा शुरू होने के बाद रोगियों को राज्य से बाहर नहीं जाना पड़ेगा। साथ ही राज्य के बाहर से आने वाले रोगियों को भी इसका लाभ मिलेगा।
समय पर उपचार व लागत में कमी
कुलपति डॉ.विजय धस्माना ने कहा कि समय रहते यदि कैंसर रोग की पहचान हो जाए तो इस रोग का इलाज संभव है अन्यथा जरा सी लापरवाही मरीजों के लिए जानलेवा बन जाती है। पेट-स्कैन से कैंसर रोग की सटीक जांच हो पाती है। सीआरआई जौलीग्रांट में पेट-स्कैन शुरू होने से मरीजों का खर्चा भी कम होगा और तुरंत उपचार भी शुरू किया जा सकेगा।
कई बड़ी उपलब्धियां दर्ज हैं हिमालयन अस्पताल के नाम
कुलपति डॉ.विजय धस्माना ने बताया कि हिमालयन अस्पताल के नाम कई बड़ी उपलब्धियां दर्ज हैं। भारत में करीब 650 मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल हैं। इनमें से हिमालयन देश का एकमात्र टीचिंग हॉस्पिटल है जिसे आयुष्मान गोल्ड सर्टिफाइड होने का दर्जा हासिल हुआ है।
इसके अलावा हिमालयन हॉस्पिटल व कैंसर रिसर्च इंस्टिट्यूट को नेशनल एक्रिडिटेशन बोर्ड फॉर हॉस्पिटल एंड हेल्थ केयर प्रोवाइडर्स (एनएबीएच) सर्टिफिकेट मिला है। उत्तराखंड में सरकारी या प्राइवेट मेडिकल कॉलेज की श्रेणी में एनएबीएच सर्टिफाइड होने का गौरव एकमात्र हिमालयन हॉस्पिटल को ही मिला है। यह सर्टिफिकेट मरीजों के गुणवत्तापरक स्वास्थ्य सुविधाएं देने के लिए दिया जाता है।