एम्स ऋषिकेश के कॉलेज ऑफ नर्सिंग में विश्व मानसिक स्वास्थ दिवस-2020 पर कार्यक्रम आयोजित किया गया।
ऋषीकेश:-अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स ऋषिकेश के कॉलेज ऑफ नर्सिंग में विश्व मानसिक स्वास्थ दिवस-2020 पर कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें डब्ल्यूएचओ द्वारा दी गई इस वर्ष की थीम “सभी के लिए मानसिक स्वास्थ्य, अधिक से अधिक निवेश, अधिक से अधिक पहुंच पर विशेषज्ञों ने व्याख्यानमाला प्रस्तुत की। इस अवसर पर नर्सिंग छात्राओं ने विषय से जुड़ी कविता व पोस्टर प्रतियोगिता में भी प्रतिभाग किया।
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विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर अपने संदेश में एम्स निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत जी ने कहा कि कोविड-19 विश्वव्यापी महामारी की वजह से वर्तमान में लोग मानसिकतौर से अधिक ग्रसित हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि इससे बहुत से लोगों की नौकरियां व कारोबार भी प्रभावित हुआ है।
जिससे लोग मानसिकतौर पर अस्वस्थ रहने लगे हैं व उनमें नकारात्मक भावनाएं घर कर गई हैं। लोगों के एक ही स्थान पर कैद होने से भी उनमें नकारात्मक भाव उत्पन्न हो रहे हैं। ऐसी स्थिति में हमें मानसिक स्वास्थ्य की ओर विशेष ध्यान देने की जरुरत है।
निदेशक एम्स पद्मश्री प्रो. रवि कांत जी ने कहा कि मानसिक स्वास्थ्य की देखभाल से ही हममें बेहतर सोच विकसित होगी व हम अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर सकते हैं, लिहाजा ऐसे में हमें अधिकाधिक लोगों को मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरुक करने की आवश्यकता है।
इस अवसर पर डीन एकेडमिक प्रो. मनोज गुप्ता जी ने कहा कि आजकल हर दूसरा व्यक्ति डिप्रेशन का शिकार हो रहा है, जिससे लोगों में नशे की प्रवृत्ति और अधिक बढ़ रही है। ऐसे में सबके मानसिक स्वास्थ्य को ठीक रखने के लिए गंभीरता से प्रयास करने होंगे।
डीन नर्सिंग प्रो. सुरेश कुमार शर्मा जी ने इस साल की थीम पर प्रकाश डालते हुए बताया कि मानसिक स्वास्थ्य पर हम जितना अधिक ध्यान देंगे व इसके प्रति जागरुक रहेंगे उतना ही हमें इसका लाभ होगा। साथ ही उन्होंने विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा बताई गई हेल्थ की परिभाषा को विस्तृत रूप से उल्लिखित किया व जीवन में मानसिक स्वास्थ्य की महत्ता पर प्रकाश डाला।
उन्होंने बताया कि हमें अपने इंफ्रास्ट्रक्चर को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से लेकर कम्यूनिटी हेल्थ सेंटर, जिला अस्पताल व मेडिकल कॉलेज तक मानसिक स्वास्थ्य के उपचार को लेकर मजबूत करने की जरुरत है। समाज में एक-दूसरे के साथ रहकर भी हम मानसिक विकारों को कम कर सकते हैं, इससे लोगों को अधिकाधिक लाभ होगा।
डीन नर्सिंग प्रो. शर्मा ने सामान्य उपचार के साथ- साथ मानसिक रोगों के इलाज के लिए भी मुकम्मल संसाधन जुटाए जाने की जरुरत बताई। उन्होंने कोविड के दौर में मेंटल हेल्थ पर और अधिक गौर करने कीआवश्यकता बताई। मानसिक स्वाथ्य दिमागी असंतुलन से ही नहीं बल्कि नशे की लत से भी खराब होता है। लोगों में आत्महत्या की बढ़ती प्रवृति, नशावृत्ति आदि मानसिक विकार बढ़ रहे हैं,जिन पर ध्यान देने की जरुरत है।
कार्यक्रम में अतिथि मनोरोग विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डा. अनिरुद्ध बसु ने बताया की आज दुनिया में बहुत से लोग डिप्रेशन अथवा किसी न किसी दूसरे किस्म की मानसिक बीमारियों के शिकार हो रहे हैं, बताया कि मनोरोग से जुड़ी बीमारियां आज के दौर में इतनी ज्यादा बढ़ गई हैं कि हर दूसरा व्यक्ति इससे ग्रस्त हो रहा है, लिहाजा इसकी रोकथाम पर ध्यान देना बहुत ही ज्यादा जरूरी हो गया है।
कॉलेज ऑफ नर्सिंग में विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर आयोजित दो दिवसीय कार्यक्रम के तहत विभिन्न प्रयोगिताएं आयोजित की गई, जिसमें नर्सिंग विद्यार्थियों ने बढ़चढ़कर भाग लिया। इस अवसर पर प्रो. सुरेश के. शर्मा व डा. बसु ने कविता प्रतियोगिता में अव्वल रहे नर्सिंग छात्रा अंबिका, ललिता, पोस्टर प्रतियोगिता में साक्षी व करिश्मा आदि को प्रशस्तिपत्र भेंट कर सम्मानित किया।
सहायक प्रोफेसर जेवियर बेलसियाल की अगुवाई में आयोजित कार्यक्रम में डा.राजेश कुमार, डा. वसंता कल्याणी, डा.राकेश शर्मा,मल्हार कोडी,प्रसूना जैली, रूचिका रानी, के.राजराजेश्वरी, राखी मिश्रा, रूपेंद्र देयोल,नर्सिंग ट्यूटर दिनेश कुमार शर्मा, प्रियंका मल्होत्रा, अमली मेरी, पास्टिन पुष्पा रानी,दीक्षा अरोड़ा, भावना आदि मौजूद थे।