उत्तराखंड में प्रस्तावित सैन्य धाम, देवभूमि उत्तराखण्ड के 5वे धाम के रूप में ऊंचे पहाड़ो पर बने, न कि मसूरी के चरण द्वार पर ( SP Notiyal)
देहरादून-: आदरणीय माननीय प्रधानमंत्री व माननीय मुख्यमंत्री उत्तराखंड सभी को अवगत कराना हैं कि पहाड़ के वीर सैनिकों का हमेशा गौरवशाली इतिहास रहा है।
5वां धाम (सैन्य धाम) पीएम मोदी जी का विजन है। सैनिक शक्ति है व सैन्य धाम शक्ति का प्रतीक। सैनिक किसी भी प्रांत का होगा वह माँ भारती का रक्षक है। भले ही इस धाम का आशीर्वाद मोदी जी ने उतराखंड को दिया है परन्तु यह देश का पहला सैन्य धाम होगा। देहरादून के शौर्य स्थल से 10किमी दूर इस धाम को स्थापित करने का कोई औचित्य नहीं है न पहाड़ के लोगों को रोजगार मिलेगा, न पलायन रूकेगा व न पहाड़ की अर्थव्यवस्था में कोई मदत होगी। यह धाम चार धामों की तरह पूजा जायेगा । सैन्य धाम शक्ति का प्रतीक है, जगद्गुरु आदि शंकराचार्य द्वारा स्थापित बद्री केदार के समकक्ष ही सैन्य धाम स्थापित हो न कि मसूरी के चरण द्वार पर। सैन्य धाम की भव्यता सुदूर हिमालय में श्री राम मंदिर व काशी जैसी हो। सैन्य धाम एक स्वतंत्र पर्यटन गंतव्य पहाड़ में बने। सभी लोग प्रयास करें जिससे यात्रा पांच धाम की निकट भविष्य में हो व देश के पर्यटन मानचित्र पर आये। पहाड़ में ऐसे पर्यटक स्थल स्थापित करके पहाड़ में सहज जीवन की उम्मीद कि जा सकती है।
5वां धाम (सैन्य धाम ) प्रधानमंत्री मोदी जी का सपना व विजन है,सैनिक शक्ति है व सैन्य धाम शक्ति का प्रतीक ,सैनिक किसी प्रांत के हो वह भारत माँ का रक्षक है।
भले ही इस धाम का आशीर्वाद मोदी जी ने उत्तराखंड को दिया है परंतु यह देश का पहला सैन्य धाम होगा, देहरादून से शौर्य स्थल से 10 किमी।
दूर इस धाम को स्थापित करने का कोई औचित्य नही है। न पहाड़ के लोगों को रोजगार मिलेगा,न पलायन रुकेगा जबकि चार धाम की तरह पूजा जाएगा।
*सैन्य धाम शक्ति का प्रतीक है जगद्गुरू शंकराचार्य द्वारा स्थापित* बद्री केदार के समकक्ष स्थापित हो न कि मसूरी के चरण द्वार पर।
सैन्य धाम की भव्यता सुदूर हिमालय में श्री राम मंदिर व काशी जैसी हो सबी लोग प्रयास करे कि यात्रा पाँच धाम की हो।
एस पी नौटियाल
93190 86478