देहरादून : 10 जून
आम आदमी पार्टी के नेता जोत सिंह बिष्ट ने कहा कि उत्तराखंड में लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष का इस्तीफा इस बात का प्रमाण है कि लोक सेवा आयोग द्वारा विभिन्न भर्ती परीक्षाओं में नकल कराने के लिए आयोग के अधिकारियों और कर्मचारियों पर सत्ता पक्ष के लोगों का दबाव रहा होगा। यही कारण है कि उस दबाव से बाहर निकलने के लिए डॉक्टर राकेश कुमार ने अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे कर के अपना पिंड छुड़ाया।
इससे पहले यूपी ट्रिपल एससी के अध्यक्ष एस राजू ने भी इस्तीफा देकर के किनारा करने से पहले सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया था कि भर्ती परीक्षाओं में नकल कराने तथा नकल की जांच को शिथिल करने के लिए उन पर दबाव था। लेकिन एस राजू के इस बयान का सरकार से लेकर के जांच एजेंसी के अधिकारियों ने कोई संज्ञान ना ले करके उनसे कोई पूछताछ नहीं की।
राज्य में नौकरियों की भर्ती कराने वाली दो बड़ी एजेंसी लोक सेवा आयोग और अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के अध्यक्षों का इस्तीफा इस बात का प्रमाण है कि सरकार नकल विहीन परीक्षा कराने में पूरी तरह से फेल साबित हुई है, और अधिकारियों पर गलत दबाव के कारण अधिकारी इन आयोग के अध्यक्ष के रूप में काम करने में अपने को असहज महसूस करने की वजह से इस्तीफा दे रहे हैं। राज्य सरकार को इस बात की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए स्वीकार करना चाहिए कि वह सरकार चलाने का काम और नकल रहित परीक्षा कराने का काम ठीक तरह से नहीं करा पा रहे हैं। बेरोजगार संघ ने जिस तरह से भर्ती परीक्षाओं में नकल के खिलाफ आंदोलन चलाकर के भारी परेशानियां झेल कर नकल माफियाओं के षड्यंत्र को उजागर करने का काम किया इसके लिए वह बधाई के पात्र हैं। धामी सरकार ने नकल विहीन परीक्षा कराने के बजाय जिस तरह से राजपुर रोड पर बेरोजगारों पर लाठियां बरसाई चिंताजनक है। भाजपा सरकार को समय पर राज्य के बेरोजगार नौजवान इसका जवाब देंगे। आम आदमी पार्टी इस लड़ाई में पूरी ताकत से बेरोजगार नौजवानों के साथ है।
जोत सिंह बिष्ट
प्रदेश संगठन समन्वयक
आम आदमी पार्टी।