देहरादून :- गैरसैंण को उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाये जाने पर राज्यपाल की यह मोहर प्रदेश की जनता के साथ त्रिवेंद्र रावत सरकार द्वारा किये प्रस्ताव को वैधानिकता प्रदान करने पर राज्य आन्दोलनकारी मंच द्बारा लगातार संघर्ष का दबाव के चलते जीत बताया।
राज्य आन्दोलनकारी मंच के प्रदेश महासचिव रामलाल खंडूड़ी व जिला अध्यक्ष प्रदीप कुकरेती ने इस कदम का स्वागत किया है़ उन्होने कहां कि राज्य आन्दोलनकारी मंच स्थाई राजधानी बनने तक़ अपना संघर्ष जारी रखेगा। शहीदों क़ी सच्ची श्रद्धांजली तभी होगी जब गैरसैण स्थाई राजधानी बनेंगी।
राज्य आंदोलन की भावना और दृष्टिकोण के साथ अभी आधी जीत है। राज्य आंदोलन के समय किसी ने,कभी भी गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाने की मांग नहीं की। मांग गैरसैंण को उत्तराखंड की स्थायी राजधानी बनाने की थी,जिसके पीछे तार्किक कारण थे।
हम 13 जिलों के छोटे से प्रदेश में दो राजधानियां औचित्यहीन और जनता के धन की बर्बादी है।
मंच ने माँग की, कि ग्रीष्कालीन-शीतकालीन के तमाशे को खत्म कर उत्तराखंड राज्यआंदोलनकारियों के सपने और दृष्टिकोण का सम्मान करते हुए शीघ्र गैरसैंण को की स्थायी राजधानी घोषित किया जाए।
प्रदीप कुकरेती
जिला अध्यक्ष ,