उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष और चिन्हित राज्य आंदोलनकारी समिति के केंद्रीय मुख्य संरक्षक धीरेंद्र प्रताप ने उत्तरकाशी जनपद की रवांई घाटी के चार विकास खंडों के मोरी ,पुरोला नौगांव और बड़कोट के 747 राज्य निर्माण आंदोलनकारियों द्वारा अपनी पेंशन से एक ₹1000 मुख्यमंत्री राहत कोष में मदद के लिए दिए जाने के फैसले का पुरजोर स्वागत किया है। धीरेंद्र प्रताप ने कहा है कि रवाई घाटी के राज्य निर्माण आंदोलन कारियों ने जनवरी मास,2020 की जो हाल में उन्हें पेंशन मिली है उसमें 747 आंदोलनकारियों ने प्रत्येक ने एक ₹1000 की रकम लिखित तौर पर मुख्यमंत्री राहत कोष में देने की घोषणा की है। और इस संबंध में लिखित में जिलाधिकारी उत्तरकाशी को अपनी धनराशि से उक्त राशि को काट लेने का हस्ताक्षर सहित पत्र दिया है। धीरेंद्र प्रताप ने कहा है कि उन्होंने पिछले दिनों तमाम राज्य निर्माण आंदोलन कार्यों से कोरोना के इस भीषण दौर में राज्य सरकार की मदद हेतु आगे आने की आंदोलनकारियों से अपील की थी परंतु आंदोलनकारियों की जब 4 और 6 महीने से पेंशन नहीं आ रही थी तो आंदोलनकारी चाह कर भी सरकार की मदद नहीं कर पा रहे थे लेकिन उन्होंने कहा कि अब जब पैसा आया है तो आंदोलनकारी भी बढ़ चढ़कर अपना योगदान देने हेतु आगे आए हैं और कुल ₹747000 का उन्होंने योगदान राज्य सरकार के कोष में कर दिया है ।
धीरेंद्र प्रताप ने आश्चर्य व्यक्त किया कि बीते सप्ताह राज्य विधानसभा के अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने खुलासा किया कि राज्य के 70 विधायकों से जो आशा उन्होंने की थी कि वह अपनी-अपनी वेतन का 30% राज्य सरकार को दे देंगे उस पर उनमें से एक भी विधायक ने अभी तक भी अपनी सहमति की मुहर नहीं लगाई है। धीरेंद्र प्रताप ने कहा कि आज राष्ट्र यह नहीं देख रहा है कि उसे लोगों के लिए क्या करना है बल्कि वह यह देख रहा है कि लोग राष्ट्र के लिए क्या करना चाहते हैं? उन्होंने विधायकों से अपील की कि वह बढ़-चढ़कर आगे आएं और राज्य के कोष में उदारता पूर्वक सहयोग करें ।धीरेंद्र प्रताप ने कहा है कि उत्तरकाशी के उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलन कारियों ने योगदान का उदाहरण प्रस्तुत कर दिया है और उम्मीद है कि राज्य के अन्य जनपदों के उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलन कारी भी राज्य सरकार इस वर्ष की जैसे-जैसे उनकी पेंशन निर्गत करेगी वैसै-वैसे वे भी उदारता पूर्वक सरकार का सहयोग करेंगे।
इस बीच धीरेंद्र प्रताप ने जिलाधिकारी उत्तरकाशी आशीष कुमार चौहान से बात करके कहा कि तमाम राज्य आंदोलनकारियों को मिलने वाली पेंशन में इसलिए विलंब हो रहा कर क्योंकि पैसा सीधे उनके खाते में डाल डाल कर तहसीलों में भेजा जा रहा है जहां तहसीलदार फिर वह पैसा बैंक में डालते हैं और इस तरह से करीब करीब 1 महीना यह पैसा अनु कार्यों को निर्गत करने में लग जाता है जरीन प्रताप ने बताया कि जिलाधिकारी ने उनकी बात ध्यान पूर्वक सुनी और कहा कि वह तत्काल आदेश जारी कर रहे हैं कि पेंशन सीधा अंदर कार्यों के खाते में भेजा जाए उन्होंने जिलाधिकारी उत्तरकाशी के इस फैसले का आभार व्यक्त किया।