*द्वेष भावना निहित एवं पार्टी विरोधी गतिविधियों में संलिप्त देवेंद्र प्रजापति राज्य प्रमुख शिवसेना द्वारा राष्ट्रीय सचिव जी का आदेश बताकर दिया गया पहाड़ी और मैदानी विवाद हेतु दुर्भाग्यपूर्ण बयान के चलते संगठनात्मक कार्यवाही के संकेत: शिवसेना उत्तराखंड*
देहरादून :- जिसने देवभूमि में आकर अपनी कर्मभूमि बनाई उसके रग रग में उत्तराखंड के प्रति वफादारी ईमानदारी झलकती है। उत्तराखंड के शिवसेना के वफादार सैनिक आज से नही हिन्दू सम्राट बाला साहेब ठाकरे जी के समय से संगठन के लिये काम करते आ रहे है। जब भी देश पर संकट आया इन सेनिको ने आगे आकर स्थिति को संभालने में अपनी भूमिका निभाई है। आज बाला साहेब की बनाई शिवसेना को ऐसे ही लोगो द्वारा समाप्त कर लाखो शिव सेनिको के दिलो पर आघात पहुंचाया है।
वही पूर्णाविर्ती अब यहाँ शिवसेना शिंदे गुट में मुठ्ठीभर कतिपय स्वयम्भू नेता कर रहे जिससे शिवसैनिकों में गुस्सा ब्याप्त है।
ऐसा ही प्रकरण उत्तराखंड में दोहराया जा रहा है
यहाँ जूठे आरोप लगाकर निराधार तथ्यों को न्यूज के माध्यम से पहाड़ी मूल के कर्मठ शिवसेनिको को राष्ट्रीय सचिव अभिजीत अदसूल जी का आदेश बताकर किया वरिष्ठ शिवसेना अधिकाररियो को बाहर निकालने का आदेश जिससे सभी उत्तराखंड के पहाड़ी मूल के शिवसेनिको में है राष्ट्रीय नेतृत्व को लेकर भारी रोष और आक्रोश शिवसेनिको का कहना जिस प्रकार उद्धव ठाकरे जी ने अपना बौद्धिक और मानसिक संतुलन खोने की वजह से शिवसेना की आत्मा सच्चे हिंदुत्व वाली पार्टी को कांग्रेस में साथ गठबंधन करने का प्रयास करके बाला साहेब ठाकरे जी और लाखों शिवसेनिको के हृदय को कुठाराघात किया ठीक उसी प्रकार नव नियुक्त राज्य प्रमुख देवेंद्र प्रजापति ने शिवसेना के राष्ट्रीय सचिव कैप्ट अभिजीत अदशूल को विश्वास में लेकर पहाड़ और मैदान का एक प्रोपेगंडा बनाकर वरिष्ठ शिवसेना के पदाधिकारी उप राज्य प्रमुख श्री राकेश सकलानी जी, राज्य सचिव श्री उमेश बिष्ट जी जिला प्रमुख श्री भानुप्रताप जी को बिना कोई कारण बताओ नोटिस जारी किए दिया एक दुर्भाग्यपूर्ण बयान पर सुनाया फैसला और तो और अपने वरिष्ठ प्रभारी जी को भी उनके अधिकारियों के विषय में विवेचना को क्योंकि उसकी असली वजह थी एक सप्ताह पूर्ण राज्य प्रमुख देवेंद्र प्रजापति जी को एक कारण बताओ नोटिस भेजा गया था जिसमे उन पर आरोप थे बकायदा साक्ष्यों के साथ की उनके द्वारा न तो संतोष जनक कार्य किया जा रहा है और उन्ही के द्वारा नियुक्त पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं के साथ उनका शुरू से ही दुर्भावना पूर्ण व्यवहार एवम भाषा का प्रयोग एवम सबसे बड़ा कारण को उनके द्वारा राज्य प्रमुख के पद पर रहते हुए अपनी निजी संस्था का संचालन किया जाना और अपने पद के प्रभाव द्वारा सभी शिवसेनिको को अपनी विश्व हिंदू संस्था ज्वाइन करवाने का दबाव बनाना और उन्हे नियुक्ति पत्र देकर उनसे हिंदू संस्था के नाम से धन एकत्र करवाना जो की शिवसेना के पार्टी नियम के विरुद्ध किया जा रहा कृत्य है और जिन पदाधिकारियों ने इसका विरोध किया और सवाल उठाए उन्हे पार्टी से अकारण बाहर किया जा रहा है ।जिसकी जांच राज्य प्रभारी श्री भूपेंद्र भट्ट जी द्वारा राष्ट्रीय नेतृत्व के संज्ञान में लाते हुए की जा रही है और उनसे देवेंद्र प्रजापति से जवाब भी तलब किया गया है जो पूर्ण रूप से असंतोष निराधार जाना गया है ।जिस पर पंत प्रमुख जी एवं राष्ट्रीय सचिव का फैसला आना बाकी है फिर भी शिवसेना उत्तराखंड के सभी शिवसेनिक केंद्र नेतृत्व से भी नाखुश है और कार्यवाही न होने पर शिवसेना को छोड़ने की बात भी कह रहे है । फिलहाल देवेंद्र प्रजापति जी के दिए गए इस बयान को और कार्यवाही को निराधार उनका व्यक्तिगत द्वेष भावना से दिया गया बयान करार दिया गया है इस बात का खण्डन राज्य समन्वायक /प्रदेश प्रभारी श्री भूपेंद्र भट्ट जी ने राष्ट्रीय नेतृत्व के संज्ञान में लाते हुए इन सभी न्यूज और दुर्भाग्यपूर्ण बयान का खण्डन किया है सभी पदाधिकारियों की यथास्थिति बरकरार रहेगी ।
पार्टी विरोधी गतिविधियों में संलिप्त देवेंद्र प्रजापति द्वारा कार्यवाही से बचने हेतु खुद का पाक साफ ठहराने हेतु दिया गया झूठा बयान जिसमें पहाड़ के वरिष्ठ अधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं का अपमान किया गया उन्हे बिना किसी कारण बताओ नोटिस के पार्टी से ये कहकर बाहर करने का बयान राष्ट्रीय सचिव अभिजीत अदसुल जी के आदेश पर की गई कार्यवाही बताया गया । जबकि सूत्रों का कहना है देवेंद्र प्रजापति राज्य प्रमुख बनकर तीन माह पूर्व आए थे उससे पूर्व राज्य प्रमुख राहुल चौहान के खिलाफ भी उन्होंने इसी प्रकार के षड्यंता रच कर उन्हे पद मुक्त कर खुद उस पद पर आसीन हो गए और अपनी निजी विश्व हिंदू संस्था को संचालित कर सभी शिवसेनिको को गुप्त रूप से उसकी सदस्यता दिलाते हुए सभी शिवसेना के कार्यकर्ताओं एवं अधिकारियों पर विश्व हिंदू संस्था में भी नियुक्ति के लिए अपने पद का दुरुपयोग किया गया एवं जिन शिवसेनिकों ने इसका विरोध करना चाहा उन्हे शिवसेना से या तो बाहर कर दिया गया या पदमुक्त कर दिया गया जिसके पुख्ता सबूत राज्य प्रभारी प्रदेश कार्यकारणी एवं राष्ट्रीय नेतृत्व को भेज दिए गए और कारण बताओ नोटिस भेज कर देवेंद्र प्रजापति से जवाब तलब किया गया इसलिए पद में रहते अपने पद का दुरुपयोग करना पार्टी में रहते दूसरे संगठन में सक्रियता से कार्य करना और धन इकट्ठा करना पार्टी विरोध गतिविधि माना गया है जिसके चलते कार्यवाही से बचने हेतु खुद का सच्चा साबित करने हेतु देवेंद्र प्रजापति जी द्वारा लिए जा रहे असंवैधानिक निर्णय और बयानों के चलते पहाड़ी मूल मैदानी के बीच विवाद उत्पन करने की साजिश एवं दुर्भाग्यपूर्ण बयान के चले सभी पहाड़ के शिवसेनिको में है भरी रोष और राष्ट्रीय नेतृत्व से तत्काल कार्यवाही हेतु की जा रही मांग और सभी लोग सीधे राष्ट्रीय सचिव से कर रहे है हस्तक्षेप की मांग । शिवसेना उत्तराखंड ।