3 साल से अकेले ही चला रहे चिकित्सा केंद्र को,कर रहे निस्वार्थ सेवा
देहरादून :- आज जँहा सड़को पर आवारा पशुओं को घूमते हुए लोग अक्सर कहते हैं कि कैसा कलयुग आ गया है की गाय सड़को पर घूम रही है, कुत्ते महलों में पल रहे हैं। सड़को पर गाय बीमारी की अवस्था मे पड़ी रहती है, तब उन्हे कोई देखने वाला नहीं मिलता है, लेकिन देहरादून में एक ऐसा अधिकारी भी है जो निस्वार्थ इन पशुओ की सेवा ही नही करता है, बल्कि घर घर जाकर लोगो के पालतू मवेशियों को भी ठीक करता है, जिसका परिणाम यह है कि इस अधिकारी को देहरादून के पशुपालक ही नही बल्कि सड़को पर पड़े बीमार गाय ,बैल, बछड़िया भी इनका इंतजार करती है
देहरादून के नेहरुग्राम रायपुर क्षेत्र में इस पशु चिकित्सा केंद्र में विगत 3 साल से यह पशुधन अधिकारी अकेले ही इस चिकित्सा केंद्र को चला रहे है । खुद ही केंद्र की साफ सफाई करना बीमार पशुओ को ग्लूकोस चढ़ाना , ओर फिर क्षेत्र में घर घर जाकर बड़े बीमार पशुओं का इलाज करना इनका रोजमर्रा का काम है यह ऐसा काम है हर कोई नही कर सकता है। स्थानीय लोग छुट्टी के दिन भी इनको फोन करके अपने पशुओं का इलाज इनसे करवाते है ओर ये कभी किसी को मना नही करते
रात-दिन दे रहे अपनी सेवाएं,क्षेत्र के लोग आफिस सहायक की कर रहे मांग-
इनका व्यवहार ही इनकी पहचान है। अमीर हो चाहे गरीब सभी इनके चाहने वाले है। क्षेत्र के लोग सरकार से गुजारिश कर रहे है कि कम से कम इस पशू केंद्र में एक साफ सफाई व ऑफ़िस सहायक की तैनाती होनी चाहिये ।
वैसे पशुपालन कृषि विज्ञान की वह शाखा है जिसके अंतर्गत पालतू पशुओं के विभिन्न ऑक्सो जैसे भोजन आश्रय स्वास्थ्य प्रजनन आदि पर कार्य किया जाता है देश की लगभग 70% आबादी कृषि एवं पशुपालन पर निर्भर है देश का अधिकांश पशुधन आर्थिक रूप से निर्बल वर्ग के पास है प्रदेश की विशाल पशु धन संपदा को सुरक्षित संबंधित एवं रोग मुक्त रखने की पशुपालन विभाग अपने पशु चिकित्सा केंद्रों के माध्यम से पशु उन्नत प्रजनन सुविधाएं उपलब्ध कराता है इन उद्देश्यों की पूर्ति हेतु सरकार पशु अस्पतालों की व्यवस्था करती है। ऐसे ही देहरादून शहरी क्षेत्र से लगे हुए पशु चिकित्सालय नेहरु ग्राम का नाम कुछ चुनिंदा के चिकित्सालयों में आता है क्षेत्र के पशुपालकों को चिकित्सालय वर्षों से अपनी सेवाएं दे रहा है यूं तो समय-समय पर यहां पर चिकित्सकों ने अपनी सेवा से क्षेत्र के पशुपालकों को प्रभावित किया है लेकिन विगत वर्षों से यहां पर तैनात पशुधन प्रसार अधिकारी श्री सुधीर काला पशुपालक पशु प्रेमियों गौ रक्षकों के बीच अपनी कार्यशैली के कारण चर्चा में रहे हैं क्षेत्रों में भी श्री काला द्वारा चाहे पशु चिकित्सा हो नस्ल सुधार कार्यक्रम टीकाकरण आदि पशु बीमा कार्य और पशुपालन विभाग द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं का लाभ सीधे जन तक पहुंचाया जा रहा है श्री काला की मेहनत का ही नतीजा है कि क्षेत्र में पशुपालकों के पास उन्नत नस्ल के दुधारू पशु उपलब्ध हैं जिससे क्षेत्र में दूध की आपूर्ति बड़ी है इसके अतिरिक्त नियमित रूप से गौ सेवकों वह सदनों आवारा पशुओं के पास जाकर पशु चिकित्सा कार्य के कुशल गौ सेवकों के रूप में भी चर्चित है आए दिन सड़क दुर्घटना में घायल आवारा पशुओं का इलाज करते हुए उन्हें देखा जा सकता है।
स्वरोजगार के क्षेत्र में भी श्री काला द्वारा क्षेत्र के गरीब अनुसूचित जाति के लगभग 30 परिवारों को अपने पशुपालन विभाग के माध्यम से लगभग 3,000 क्रायलर प्रजाति के अंडे देने वाली मुर्गी निशुल्क वितरित की गई है जो कि क्षेत्र की पार्षद श्रीमती उर्मिला पाल द्वारा उक्त चूजे लाभार्थीयो को वितरित किए गए । आज भी नेहरू ग्राम क्षेत्र में पर्यावरण मित्र मोहन, मिट्टू,दिवाकर जोशी आदि लोगों के घर जाकर उनकी मुर्गी फार्म को देखकर उनके आर्थिक विकास को देखा जा सकता है क्षेत्र के पार्षद श्री रवि गुसाई ,श्री जगदीश सेमवाल,जी ने बताया कि श्री काला जी चौबीसों घंटे आवारा पशुओं की सेवा हेतु तत्पर रहते हैं इससे पूर्व भी श्री काला जी विगत 08 से 10 वर्षों तक नवादा माजरी,डिफेंस कॉलोनी मोहकमपुर आदि क्षेत्रों में भी कार्य कार्य कर चुके है।
दिलचस्प तथ्य यह है कि श्री काला अपने सेवाकाल के 27 वर्ष पूर्ण करने के बाद भी एक ही पद पशुधन प्रसार अधिकारी पर पदस्थ हैं अभी तक विभाग द्वारा उनको एक भी पदोन्नति नहीं दी गई है श्री काला बताते हैं कि उक्त समस्याओं हेतु हमारे प्रांतीय संघ द्वारा कई बार विभाग एवं शासन प्रशासन को अवगत कराया जा चुका है लेकिन स्थिति जस की तस है