हरिद्वार। उत्तराखण्ड क्रान्ति दल के पूर्व केन्द्रीय संरक्षक एवं वर्तमान केन्द्रीय कार्यकारी अध्यक्ष डॉ० शक्तिशैल कपरवाण ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा विधानसभा से बर्खास्त कर्मचारियों की याचिका खारिज होने से यह सिद्ध हो गया है कि जिन विधानसभा अध्यक्षों, मंत्रियों और अधिकारियों ने अपने-अपने कार्यकाल में ये नियुक्तियां कराई थी और की थी, वे सब भ्रष्टाचारी और अपराधी हैं।
डॉ० कपरवाण ने सरकार पर आरोप लगाया कि UKSSC , UKPSC में व्यापक रूप में बड़े स्तर पर भर्ती वं घोटाला हुआ था। उस घोटाले के मुख्य अभियुक्त एवं दोषी अभी न तक पकड़े नहीं गये हैं। क्योंकि उनमें सरकार में बैठे पावरफुल नेता और अधिकारी हैं। उन पर सरकार हाथ नहीं डाल रही है।
दूसरी ओर अपराध के क्षेत्र में अंकिता हत्याकाण्ड की जांच सी०बी०आई० से नहीं कराने के कारण असली पर्दे के पीछे छिपे अपराधी नहीं पकड़े जा रहे हैं।
डॉ० कपरवाण ने राज्य सरकार की नियुक्तियों की कार्य पद्धति पर प्रश्न चिन्ह लगाते हुए कहा कि विधानसभा अध्यक्ष श्रीमती ऋतु खण्डूड़ी ने विधानसभा में दोषपूर्ण ढंग से की गयी नियुक्तियों को रद्द करवाया, परन्तु जिन विधानसभा अध्यक्षों और मंत्रियों, अधि – कारियों ने भ्रष्टाचार के मार्ग से ये नियुक्तियां करवायी, न ही उन पर कोई कार्यवाही की गयी और ना ही उनको जांच की परिधि में लिया गया। बल्कि वर्तमान वित्त मंत्री पूर्व विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचन्द्र अग्रवाल से जांच एजेन्सियों द्वारा कोई पूछताछ नहीं की गयी और इससे पूर्व कांग्रेस सरकार के कार्यकाल के विधानसभा अध्यक्ष के खिलाफ भी कोई जांच नहीं बिठाई गई!
नेता डॉ० कपरवाण ने भारत के राष्ट्रपति जी से मांग की है कि उत्तराखण्ड सरकार भ्रष्टाचारियों और अपराधियों की सरकार बन चुकी है और शासन करने में सक्षम नहीं है। इसलिये उत्तराखण्ड सरकार को तत्काल प्रभाव से भंग किया जाय।
यू०के०डी० के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ० कपरवाण ने कहा कि राज्य सरकार के भ्रष्टाचार व अपराध के खिलाफ उत्तराखण्ड क्रान्ति दल जनहित में लड़ाई लड़ेगा और अपराधिकायों को जेल की सजा दिलाने के लिये संघर्ष करेगा।