ऊखीमठ! न्यायालय के आदेश पर वन विभाग द्वारा तुंगनाथ घाटी में हुए अवैध अतिक्रमण को हटाने की कवायद मंगलवार देर सात से शुरू कर दी है! वन विभाग व जिला प्रशासन द्वारा अवैध अतिक्रमण हटाने की कवायद रात को क्यों शुरू की यह बात किसी के गले नहीं उतर रहीं है! तुंगनाथ घाटी के मक्कूबैण्ड से अवैध अतिक्रमण हटाने की कवायद शुरू होते ही स्थानीय व्यापारियों व अवैध रूप से अतिक्रमण करने वालों में हडकम्प मचा हुआ है ! अवैध अतिक्रमण को हटाने को लेकर वन विभाग, प्रशासन व तुंगनाथ घाटी के विभिन्न यात्रा पड़ावों पर अवैध अतिक्रमण करने वाले आमने – सामने आ गयें है! वन विभाग व प्रशासन द्वारा रात्रि को अवैध अतिक्रमण हटाने के मामले में जनप्रतिनिधियों चुप्पी के पीछे भी कई यक्ष प्रश्न खड़े हो रहें हैं! तुंगनाथ घाटी में व्यवसाय कर रहे युवाओं का कहना है कि न्यायालय की आड़ में प्रदेश सरकार स्थानीय युवाओं की आजीविका के साथ खिलवाड़ कर रही है जबकि प्रशासन श्री वन विभाग का कहना है कि हमें न्यायालय के आदेशों का पालन करना है! तुंगनाथ घाटी के अन्य यात्रा पड़ावों पर अवैध अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही कब होगी यह तो भविष्य के गर्भ में है मगर मंगलवार रात्रि दो बजे तुंगनाथ घाटी के मक्कूबैण्ड में अवैध अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही शुरू होने से अतिक्रमणकारियों व व्यापारियों में हडकम्प मच गया है! बता दे कि तुंगनाथ घाटी के सुरम्य मखमली बुग्यालों में वर्ष 2016 से अवैध अतिक्रमण जारी है! मखमली बुग्यालों में अवैध अतिक्रमण होने से सुरम्य मखमली बुग्यालों की सुन्दरता गायब होने के साथ पर्यावरण को खासा नुकसान हो रहा है! वर्ष 2018 में जिला प्रशासन ने बुग्यालों से अवैध अतिक्रमण हटाने का फरमान जारी किया था तथा जिला प्रशासन के फरमान के बाद सुरम्य मखमली बुग्यालों से लगभग 35 प्रतिशत अवैध अतिक्रमण हट चुका था! प्रशासन के मौन रहने के बाद बुग्यालों में अवैध अतिक्रमण के मामले लगातार बढते रहे तथा दिल्ली, नोएडा, मेरठ सहित विभिन्न राज्यों के पूजीपति तुंगनाथ घाटी में पाव जमाने में सफल रहे परिणामस्वरूप वर्तमान समय में कई बाहरी पूजीपति तुंगनाथ में अपना व्यवसाय चलाकर मालामाल बन गयें है! न्यायालय के आदेश पर विगत 13 सितम्बर को अवैध अतिक्रमण हटाने गये प्रशासन, वन विभाग में हल्की नोकझोक होने के बाद कही महिलाओं ने जेसीबी मशीनों पर चढ़कर अतिक्रमण हटाने का कड़ा विरोध किया था घटना स्थल पर पहुंचे तहसील प्रशासन ने तीन दिन के अन्तर्गत स्वत: ही अवैध अतिक्रमण हटाने के निर्देश दिये थे तथा 14 सितम्बर को कुछ व्यापारियों ने तहसील मुख्यालय आकर 50 प्रतिशत टैन्टो को हटाने का लिखित आश्वासन दिया था! लिखित आश्वासन के बाद भी प्रशासन द्वारा वन विभाग द्वारा मंगलवार दो बजे रात्रि अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही क्यों की गयी यह बात किसी के गले नहीं उतर रही है! बहरहाल मक्कबैण्ड से आगे अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही कब होगी यह भविष्य के गर्भ में है मगर अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही शुरू होते ही व्यापारियों व अवैध रूप से अतिक्रमण करने वालों में हडकम्प मचा हुआ है! यदि भविष्य में प्रशासन व वन विभाग द्वारा तुंगनाथ घाटी के अन्य यात्रा पड़ावों से अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही की जाती है तो बड़े जनन्दोलन होने की सम्भावनाओं से इनकार नहीं किया जा सकता है!